Religion : भारत में मनाये जाने वाले त्योहार पूजा-अनुष्ठान के लिए तो जाने ही जाते हैं, भोग में चढ़ने वाले अनेक मीठे पकवानों के लिए भी उनकी प्रसिद्धि है. हमारे देश का प्रत्येक त्योहार स्वाद का ऐसा खजाना खोलता है, जिसमें प्रत्येक क्षेत्र के पारंपरिक मीठे व्यंजन आपके मुंह में स्वाद की मिठास घोल देते है. लड्डू, बर्फी जैसी मिठाइयां तो लगभग हर त्योहारों का अटूट हिस्सा होती हैं, परंतु इसके साथ ही प्रत्येक त्योहार के अपने कुछ विशिष्ट व्यंजन व पकवान भी होते हैं, जो इन दिनों में विशेषकर बनाये जाते हैं. दस दिनों तक चलने वाला गणेश उत्सव भी एक ऐसा ही त्योहार है जिसमें मीठे प्रसाद की प्रचुरता होती है. ऐसा इसलिए, क्योंकि माना जाता है कि भगवान गणेश इन्हें बहुत पसंद करते हैं. आइए, गणेश उत्सव की इस स्वादभरी यात्रा में हम मोदक व लड्डू से इतर अन्य मीठे व्यंजनों के बारे में जानते हैं, जिन्हें गणपति को भोग लगाया जाता है.
साटोरी
साटोरी, महाराष्ट्र में बनाई जाने वाली, एक मीठी चपटी रोटी होती है. यह खोया अथवा मावा, घी, बेसन और दूध से बना एक शाही व्यंजन है. इस मीठी रोटी को गणेश पूजा के दौरान प्रचुरता में देखा जा सकता है. यह महाराष्ट्र के लोगों का पसंदीदा मीठा व्यंजन है.
नारियल के चावल
पश्चिमी भारत में, भगवान गणेश के सबसे आम प्रसादों में से एक हैं नारियल के चावल. सफेद चावल को नारियल के दूध में भिगोकर या नारियल के बुरादे के साथ पकाकर इस मीठे पकवान को तैयार किया जाता है. यह स्वादिष्ट और सुगंधित व्यंजन भगवान गणेश का पसंदीदा व बहुत लोकप्रिय भोग है.
श्रीखंड
श्रीखंड भारत के कई हिस्सों में बनाया जाता है. परंतु यह महाराष्ट्र में सर्वाधिक लोकप्रिय है. यह बेहद स्वादिष्ट होता है. इसे छनी हुई दही से तैयार किया जाता है, और इसके ऊपर भुने हुई मेवे और किशमिश डाली जाती है.
केले का शीरा
केले का शीरा भी एक तरह का मीठा व्यंजन है, जो भगवान गणेश को भोग में चढ़ाया जाता है. इसे मसले हुए केले, सूजी और चीनी से बने शीरे के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है. इसका स्वाद सूजी के हलवे के समान होता है.
पूरन पोली
पूरन पोली महाराष्ट्र का एक पारंपरिक मीठा पकवान है. यह मूल रूप से गेहूं के आटे से बना मीठा पराठा होता है, जिसमें इलायची और जायफल जैसे मसालों के साथ चने के दाल की मीठी पिट्ठी भरी जाती है. पूरन शब्द का अर्थ भराई होता है, और पोली का अर्थ पराठा होता है. गणेश उत्सव के दौरान यह घर-घर में बनायी जाती है.