Monday, November 18, 2024
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RBI: PNB को देने पड़ेंगे आरबीआई को 1.32 करोड़ का जुर्माना

RBI: भारतीय रिजर्व बैंक शुक्रवार को पंजाब नेशनल बैंक पर 1.32 करोड़ का जुर्माना लगाया. यह जुर्माना बैंक पर इसलिए लगाया गया है क्योंकि बैंक द्वारा कुछ नियमों का उल्लंघन किया है. आरबीआई ने बताया की बैंक केवाईसी और लोन एंड एडवाइजेज से जुड़े निर्देशों का पालन नहीं कर रही थी. भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि 31 मार्च 2022 तक बैंक के वित्त स्थिति के संदर्भ में वैधानिक निरीक्षण किया गया था. जिसके बाद बैंक को एक नोटिस जारी किया गया था. आरबीआई द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण पर विचार करने के बाद आरबीआई ने पुष्टि की की पीएनबी ने दो राज्य सरकार के स्वामित्व ने नियमों को कार्यशील पूंजी दिन प्रदान किया था. यह ऋण सरकारी सब्सिडी रिफाइंड लिया प्रतिपूर्ति के माध्यम से प्राप्त होने वाली राशि के आधार पर दिए गए थे.

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पीएनबी ने किन नियमों का उल्लंघन किया 

  1. लोन संबंधी उल्लंघन-आरबीआई के नियमों के अनुसार गलत तरह की लोन को स्वीकृति दी गई. पीएनबी ने सरकारी स्वामित्व वाली दो कंपनियों को कार्यशील पूंजी के तौर पर डिमांड लोन कि स्वीकृति दी थी. यह लोन सरकार से मिलने वाली सब्सिडी डिफरेंट या प्रतिपूर्ति के आधार पर दिए गए थे. 
  2. पहचान संबंधी उल्लंघन- बता दे की पीएनबी कुछ खातों के लिए ग्राहकों की पहचान और पते से संबंधित दस्तावेजों को सही ढंग से बनाए रखने में असफल रही. यह दस्तावेज मनी लांड्रिंग ओर अनराइटिंग अपराधों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण होती है. और पीएनबी केवाईसी नियमों का पालन न करके खुद को जोखिम में डाल रहा था. 

केवाईसी क्यों है जरूरी 

केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें ),व्यवसाय हो या वित्त संस्थाओं द्वारा अपने ग्राहक को यह ग्राहकों की पहचान सत्यापित करने के लिए उपयोग किया जाता है. इस प्रक्रिया के द्वारा बहुत से अन्य अवैध गतिविधियों को रोका जा सकता है जैसे-

  1. KYC की प्रक्रिया से बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अपने ग्राहकों की पहचान और पते को सत्यापित करने में सक्षम बनाती है। जिससे यह सुनिश्चित होता है कि खातों का इस्तेमाल कोई धोखेबाज तो नहीं कर रहा है.
  2. KYC यह भी  सुनिश्चित करने में मदद करता है कि आतंकवादी गतिविधियों को फंड देने के लिए बैंक खातों का तो इस्तेमाल नहीं किया जा रहा.
  3. अपराधियों द्वारा अवैध रूप से कमाए गए धन को वैध दिखाने (मनी लॉन्ड्रिंग) की गतिविधियों को रोकने में भी केवाईसी सहायक होता है. बैंकों को यह जांच करने में मदद करती है कि  जमा या लेन-देन की रकम ग्राहक की आय और प्रोफाइल के हिसाब से है या नहीं.
  4. केवाईसी द्वारा बैंक यह भी आकलन कर सकती है कि किस व्यक्ति को कितना लोन देना चाहिए और क्या यह व्यक्ति दिए गए लोन राशि को चुका सकता है या नहीं.
  5. केवाईसी ग्राहक सुरक्षा में भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. केवाईसी यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि ग्राहक का खाता किसी अवैधिक गतिविधियों से जुड़ा हुआ तो नहीं.

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