Prithviraj Kapoor Death Anniversary: भारतीय सिनेमा के सबसे चर्चित और सम्मानित अभिनेता पृथ्वीराज कपूर की आज 52वीं पुण्यतिथि है. पृथ्वीराज कपूर ने एक्टिंग करियर में कपूर खानदान के लिए नीव रखी थी. पृथ्वीराज कपूर का जन्म 3 नवंबर 1906 लायलपुर (फैसलाबाद) में हुआ था. पृथ्वीराज कपूर जब केवल तीन साल के थे तब उनकी माता की मृत्यु हो गई थी. इसके बाद उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था.
पृथ्वीराज कपूर पैसे उधार लेकर बॉम्बे पहुंचे
पृथ्वीराज कपूर जैसी ही 8 साल के हुए उसी वक्त से उन्होंने अपनी एक्टिंग की शुरुआत कर दी थी. उसके बाद जब उन्होंने कॉलेज ज्वाइन किया, तब उस दौरान उनके एक्टिंग में दिलजस्पि को देख उनके प्रोफेसर ने उन्हे थिएटर ज्वाइन करने को कहा. वहां कुछ प्ले और पैसे उधार लेकर वह सपनो की नगरी बॉम्बे (अब मुंबई) आ गए. उबॉम्बे आकर वह इंपीरियल फिल्म कंपनी से जुड़ गए थे. यह वह समय था जब साइलेंट फिल्मों का चलन था.
पृथ्वीराज कपूर ने महज 17 साल की उम्र में शादी रचाई
पृथ्वीराज कपूर के निजी जिंदगी की बात की जाए तो अभिनेता ने महज 17 साल की उम्र में अपने से 3 साल छोटी रामसरनी मेहरा से शादी के बंधन में बंधे थे. जिनसे उन्हें तीन बच्चे राज कपूर, शशि कपूर और शम्मी कपूर हुए. पृथ्वीराज की दो और औलादे हुई थी, जिनका शम्मी कपूर के जन्म से पहले ही निधन हो गया था. जिसके बाद उनकी बेटी हुई, जिसका नाम उर्मिला सियाल है.
Also Read Fahadh Faasil: 41 साल की उम्र में इस बीमारी से जूझ रहे Pushpa के विलेन भंवर सिंह, बोले- ‘बचपन में पता चलता…’
पृथ्वीराज को पहली फिल्म के लिए फीस नहीं मिली
पृथ्वीराज कपूर ने अपना एक्टिंग डेब्यु फिल्म बेधारी तलवार से की थी, लेकिन इसके लिए उन्हें पेमेंट नहीं मिली थी. इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. पृथ्वीराज के इस जज्बे को देखकर उन्हें दूसरी फिल्म सिनेमा गर्ल का ऑफर मिला. सिनेमा गर्ल के लिए उनकी पेमेंट 70 रुपये थी. धीरे-धीरे पृथ्वीराज कपूर सिनेमा जगत में अपना नाम कमाने लगे थे. इसके बाद उन्हें पहले बोलते फिल्म आलम आरा में खलनायक का किरदार ऑफर किया गया. इस फिल्म में पृथ्वीराज के किरदार को काफी पसंद किया गया था.
थिएटर शुरु करने के लिए गेट पर गमछा फैलाकर पैसे मांगे
पृथ्वीराज कपूर को थिएटर शुरू करने का काफी मन था इसके लिए उन्होंने फिल्मों से जितने भी पैसे कमाए थे उसे साल 1944 में थिएटर पर लगा दिए. थिएटर के लिए पृथ्वीराज कपूर ने गेट पर गमछा फैला कर दशकों से पैसे भी इकट्ठा किया. लेकिन उसे दौर में फिल्मों का चलन थिएटर से अधिक था. इसके बाद पृथ्वीराज को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ा और थिएटर को बंद कर दिया गया. कुछ वक्त बाद उन्होंने अपने बेटे शशि कपूर और बहू की मदद से एक बार फिर थिएटर की शुरुआत की. उसके बाद पृथ्वीराज थे थियेटर पटरी पर आ गया था और उसमें फिल्में रिलीज होने लगी थी.
ब्लैंक चेक में 1 रुपए रकम भरे
साल 1960 में रिलीज हुई मुग़ल-इ-आज़म के निर्देशक आसिफ फिल्म बना रहे थे, जिसके लिए वह हर हाल में पृथ्वीराज कपूर को कास्ट करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने पृथ्वीराज को ब्लैंक चेक भी दिया और कहा कि उनका जितना मन हो उतनी रकम इसमें भर ले. उसके बाद पृथ्वीराज कपूर ने कुछ ऐसा किया जिसे जानने के बाद आपके जहन में उनके लिए इज्जत और भी बढ़ जाएगी. दरअसल पृथ्वीराज कपूर ने उसे ब्लैंक चेक पर महज एक रुपए रकम भरी. इसके बाद साल 1969 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मभूषण से सम्मानितकिया. यही नहीं बल्कि एक्टर को 1971 में फिल्मी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार दादा साहेब फालके अवार्ड से भी नवाजा गया.
पृथ्वीराज कपूर का निधन कैसे हुआ?
पृथ्वीराज कपूर की मृत्यु 65 साल की आयु में कैंसर से ग्रसित होने के कारण 29 में साल 1972 में हो गई थी.