Wednesday, December 18, 2024
HomeReligionवैवाहिक जीवन में चाहिए सुख? गांठ बांध लें प्रेमानंद जी महाराज की...

वैवाहिक जीवन में चाहिए सुख? गांठ बांध लें प्रेमानंद जी महाराज की ये 2 बातें, प्रेम की खुशबू से महकेगा दांपत्य

कलयुग में सभी संबंध स्वार्थ पर टिके हैं. एक दूसरे से लाभ नहीं मिलता, तो व्यक्ति साथ छोड़ देता है. बात करें वैवाहिक जीवन की तो आज के दौर में पति और पत्नी के बीच प्रेम की कमी या विश्ववास की कमी की बातें सामने आती हैं. अविश्वास के दौर में पति अपनी पत्नी को धोखा दे रहा होता है या फिर पत्नी अपने पति के आंखों में धूल झोंक रही होती है. इसके परिणाम स्वरूप वैवाहिक जीवन में कलह बढ़ता है और बात तलाक तक पहुंच जाती है. इसके अलावा कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो दांपत्य जीवन में प्रेम न होने की शिकायत करते हैं. ऐसे लोगों के लिए प्रेमानंद जी महाराज ने दो बातें बताई हैं, जिसको गांठ बांध लेनी चाहिए. इससे आपका दांपत्य जीवन प्रेम की खुशबू से महक उठेगा.

सुखी दांपत्य जीवन के 2 मंत्र
प्रेमानंद जी महाराज ने श्रद्धालुओं के सवाल और जवाब के क्रम में बताया कि जो लोग दांपत्य जीवन में हैं और सुखी रहना चाहते हैं, तो उन लोगों को 2 बातें गांठ बांध लेनी चाहिए. पहली बात है परस्पर प्रेम और दूसरी बात है परस्पर इंद्रियों की पवित्रता.

ये भी पढ़ें: सोमवती अमावस्या पर इन 5 जगहों पर जलाएं दीपक, पितर और माता लक्ष्मी होंगी प्रसन्न, जानें मुहूर्त

अगर एक दूसरे से प्रेम है तो फिर जीवन में दूसरे की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए. चाहे स्त्री शरीर हो या फिर पुरुष शरीर, अगर एक में तुम्हारी तृप्ति नहीं हो रही है और तुम व्यभिचार में उतर गए तो पूरे विश्व में तुम्हें शांति मिलने वाली नहीं है, तृप्ति मिलने वाली नहीं है.

दांपत्य सुख में प्रेम की आवश्यकता
प्रेमानंद जी महाराज ने उन लोगों को भी एक संदेश दिया जो प्रेम पर पैसे को तरजीह देते हैं. उन्होंने कहा कि दांपत्य सुख में पैसे का महत्व नहीं है, प्रेम का महत्व है. प्रेम के साथ पवित्रता की आवश्यकता है. हमारा और आपका संबंध है, उस पर कोई दाग नहीं होना चाहिए. दोनों मिलकर नमक और रोटी भी खाओगे तो बहुत आनंद में रहोगे.

अच्छे लोगों के लिए गलत विचार आएं तो क्या करें
गुरु, अपने इष्ट देव आदि के लिए मन में गलत ख्याल आएं तो क्या करें? इस सावल के जवाब में प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि इसमें डरना नहीं चाहिए. मन रजो और तमो गुण से युक्त होता है. उसके प्रभाव से संकल्प गलत होने लगता है. उसकी वजह से मन में काम, निंदा आदि जैसे दोष उत्पन्न होने लगते हैं. आपके मन में साक्षी भाव रखना होगा.

ये भी पढ़ें: शुक्र का कुंभ में होगा प्रवेश, नए साल में 4 राशिवाले बटोरेंगे पैसा-शोहरत, जानें शुभ प्रभाव

आपके मन में जो भी गलत भाव आ रहे हैं, उसको अपनी तरफ से स्वीकृति न दें. उसे स्वीकार न करें. वो मन में आते हैं और नष्ट हो जाते हैं. यदि आप उन विचारों को स्वीकृति दे देते हैं तो वह अपराध बन जाएगा. इस वजह से आपको इसकी स्वीकृति नहीं देनी है.

Tags: Dharma Aastha, Premanand Maharaj, Religion


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular