Pregnancy Test: महिलाओं में पीरियड्स यानी माहवारी आना सबसे जरूरी होता है. इसकी शुरुआत लड़कियों में 12 से 15 साल के उम्र के बीच ही हो जाता है जो 50 साल तक पहुंचते ही बंद हो जाता है. हालांकि इस बीच महिलाओं में कई कारणों से भी माहवारी अनियमित हो जाते हैं. कई बार तो जब महिलाएं अधिक तनाव लेती हैं तब भी पीरियड आगे-पीछे हो जाता है. लेकिन अगर माहवारी यानी पीरियड्स आने में एक हफ्ते से ज्यादा देरी हो चुकी है, तो यह प्रेगनेंसी की ओर भी इशारा करता है. हम इस लेख के जरिए जानेंगे पीरियड यानी माहवारी मिस होने पर शरीर में किस तरह के लक्षण दिखते हैं.
माहवारी मिस होने का क्या है कारण?
कई बार माहवारी मिस होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं. उन्हीं में से दो कारण एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन भी है. इन दो मुख्य हार्मोन के वजह से भी पीरियड साइकिल कंट्रोल हो जाता है. अगर हार्मोन्स का लेवल असंतुलित हो जाता है, तो भी माहवारी मिस हो सकते हैं. महिलाओं में माहवारी मिस होने का अन्य वजह पीसीओएस या पीसीओडी होना भी है. जिसमें अंडाशय में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाते हैं और पीरियड्स मिस होने लगते हैं. हालांकि ज्यादातर महिलाओं में प्रेग्नेंसी का पहला लक्षण ही पीरियड्स का मिस होना होता है.
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प्रेग्नेंसी की शुरुआती लक्षण
माहवारी यानी पीरियड का मिस होने भी प्रेग्नेंसी की शुरुआती लक्षण होते हैं. हालांकि जब एक महिला का पीरियड मिस हो जाता है तो उसके शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में ज्यादा थकान, निपल्स के आकार में बदलाव होना, उल्टी, पूरे समय नींद आना, बार-बार पेशाब आना, मूड स्विंग आदि यह सब प्रेग्नेंसी के ही लक्षण होते हैं. ऐसे में अगर आपके साथ ही इस तरह के संकेत देखने को मिल रहा है तो तुरंत प्रेग्नेंसी टेस्ट करवा लें.
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