Friday, November 22, 2024
HomeEntertainmentChhath Puja 2024: अपनी मां के साथ मैं भी छठ का व्रत...

Chhath Puja 2024: अपनी मां के साथ मैं भी छठ का व्रत रखता हूं- मनमोहन तिवारी

जमुनिया,प्रतिज्ञा, जाना ना दिल से दूर और कुमकुम भाग्य जैसे कई टेलीविज़न धारावाहिकों का हिस्सा रहे अभिनेता मनमोहन तिवारी आस्था के लोकपर्व छठ से बेहद जुड़ाव रखते हैं. छठ की परंपरा उनके परिवार का अहम हिस्सा रही है. यही वजह है कि मनमोहन तिवारी भी छठ का व्रत रखते हैं. छठ पूजा से उनके जुड़ाव और इस बार उनके लिए छठ पूजा कितना है ख़ास. इस पर उर्मिला कोरी के साथ हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

पूरे परिवार के साथ इस बार छठ मना रहा हूं

शूटिंग की व्यस्तता की वजह से पिछले कुछ सालों से मैं परिवार के साथ छठ नहीं मना पास रहा था. पिछले तीन- चार सालों से मैं मुंबई में ही छठ मना रहा था, लेकिन इस बार तय किया कि मैं अपने माता-पिता और परिवार के साथ ही छठ मनाऊंगा इसलिए मैं इस बार ऋषिकेश में अपने पूरे परिवार के साथ घर पर ही छठ मना रहा हूं.अपने घर पर और परिवार के साथ छठ करने से अच्छी बात कुछ और नहीं हो सकती है. मैंने कल खरना किया था. वो लग ही एहसास था. काफी सालों बाद मैंने इस अनुभव को महसूस किया था.

हेक्टिक शूटिंग शेड्यूल में भी व्रत रखता था

जैसा की मैंने पहले भी बताया कि मैं पिछले कुछ साल मुंबई में ही छठ मनाया था. जिस वजह से शूटिंग के दौरान भी मैं व्रत में होता था और शूटिंग कों पूरी करता था .हां प्रोडक्शन टीम से यह रिक्वेस्ट होती थी कि हमको थोड़ा जल्दी छोड़ देना ताकि शाम को समय पर अर्ग देने पहुंच जाऊं. वैसे दो तीन साल तक तो दोपहर तक शूटिंग से निकलकर मैं जूहू बीच पहुंचकर सूरज देवता को अपनी श्रद्धा और आभार जता देता था , लेकिन बीते साल शूटिंग शेड्यूल इतना हेक्टिक हो गया था और इतना समय भी नहीं था कि घाट पर जाकर पूजा करूं. समय का इतना ज्यादा अभाव हो गया था कि मैंने अपनी बिल्डिंग के छत पर ही छठ पूजा मनाया था. उसी समय तय कर लिया था कि अब अगला छठ परिवार के साथ ही मनाऊंगा और वैसे ही मनाऊँगा जैसे बचपन से मनाता आया था इसलिए इस बार ऋषिकेश पहुंच गया.

मां के लिए व्रत रखता हूं

बचपन से देखा था कि मां हम बच्चों के लिए छठ का व्रत रख रही है तो बड़े होने पर मैंने मां के लिए छठ का व्रत रखना शुरू कर दिया. आख़िरकार उनके लिए हम बच्चे नहीं तो और कौन व्रत रखेगा . अभी तो मेरे साथ मेरी मां भी यह व्रत रखती है, मेरी पत्नी, मेरे भाई और मेरी भाभी भी यह व्रत रखती हैं , तो छठ पूजा पर हमारे घर पर बहुत बड़ा सेलिब्रेशन होता है. मैं चाहूंगा कि ज्यादा से ज्यादा से युवा इस व्रत से जुड़े. ताकि परंपरा यूं ही आगे बढ़ती रही . छठ यूपी बिहार का सबसे प्रमुख पर्व है . छठ का नाम लेते ही मन श्रद्धा से भर उठता है.

छठ की पूजा विधि नहीं है बदली

जिस तरह से महाराष्ट्र में गणपति उत्सव होता है .उसका महत्व होता है. कम्युनिटी वाली फीलिंग होती है.एकजुटता होती है.पूरा शहर सेलिब्रेशन में होता है. छठ पूजा भी वैसा ही है. यह यूपी और बिहार का सबसे प्रमुख पर्व है. सबको आपसे में जोड़ता है.सभी त्यौहार में उगते हुए सूरज को प्रणाम किया जाता है.ये एकमात्र ऐसा त्योहार है जहां डूबते सूरज को भी प्रणाम किया जाता है. इस पूजा की खास बात ये है कि अब तक यह ज़्यादा बदला नहीं है. विधि और पूजा अब तक वैसे ही जैसे सालों से करते आ रहे हैं. चाहे वो गन्ना चढ़ाना हो.ठेकुआ बनाना हो. बहुत ही श्रद्धा के साथ इस पर्व का निबाह किया जाता है.स्वच्छ भारत का अभियान अभी कुछ सालों से आया है लेकिन इस पर्व के दौरान सालों साल से पूरा शहर धुलता आ रहा है. आज भी एक अलग सफाई इस दिन शहर और गाँव की होती है.काफी शुद्ध पर्व माना जाता है. शुद्धता लोग मेन्टेन करके रखते हैं।काफी खुशी होती है कि इस पर्व में ज़्यादा बदलाव नहीं आया है. ठकुवा का प्रसाद अभी भी ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को घर घर भेजा जाता है. लोग मांग – मांगकर इस प्रसाद को खाते हैं. इससे अच्छी बात क्या हो सकती है.

Also Read- chhath puja 2024:अभिनेत्री स्नेहा वाघ की ख्वाहिश बिहार जाकर छठ पर्व से जुड़ने की है


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular