श्राद्ध के 16 दिनों को शोक काल के रूप में देखा जाता है. इस बार पितृपक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से होगी और इनका समापन 02 अक्टूबर को होगा.
Pitru Paksha 2024 : हिन्दू पंचांग के छठवें महीने भाद्रपद की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है. इस दौरान पूर्वजों को श्राद्ध और तर्पण किया जाता है, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले. ऐसा माना जाता है कि पितृपक्ष के दौरान पूर्वज धरती पर आते हैं. श्राद्ध के 16 दिनों को शोक काल के रूप में देखा जाता है. इस बार पितृपक्ष की शुरुआत 18 सितंबर से होगी और इनका समापन 02 अक्टूबर को होगा. आपको बता दें कि पितृपक्ष के दौरान बाल नहीं कटवाए जाते हैं. साथ ही इस अवधि में दाढ़ी भी नहीं कटवाते. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन क्या आप जानते हैं ऐसा करने का कारण और क्या मान्यताएं हैं? आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे से.
धार्मिक मान्यता
पितृ पक्ष के दौरान बाल और दाढ़ी ना कटवाने का धार्मिक कारण सम्मान से जुड़ा हुआ है. चूंकि पुराने समय से ही पितृ पक्ष को बेहद ही पवित्र समय के रूप में देखा जाता रहा है. इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए कई सारे धार्मिक कार्य और अनुष्ठान किए जाते रहे हैं. साथ ही इस समय को शोक काल के रूप में देखा जाता है, इसलिए बाल कटवाना और शेविंग कराना शुभ नहीं माना जाता. इसके अलावा ऐसा माना जाता है कि इससे पितरों का अपमान होता है और इन दिनों में पितरों को सम्मान देने के साथ ही तर्पण किया जाता है ताकि उनकी कृपा हमेशा परिवार वालों पर बनी रहे.
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क्या है वैज्ञानिक कारण?
पितृ पक्ष की शुरुआत होते समय बारिश का मौसम लगभग खत्म होने को रहता है. वहीं हल्की सी सर्दी भी आने लगती है. ऐसे में आने वाले समय में सर्दी के मौसम में आपको गर्माहट की आवश्यकता होती है. वहीं जब आप दाढ़ी और बाल कटा लेते हैं, जो आपको प्राकतिक रूप से गर्म रखने का काम करते हैं तो आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है.
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FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 09:16 IST