Tuesday, December 17, 2024
HomeReligionPitru paksha 2024: बिना पंचग्रास के अधूरा रहता है श्राद्ध, जानें इसकी...

Pitru paksha 2024: बिना पंचग्रास के अधूरा रहता है श्राद्ध, जानें इसकी सही विधि और लाभ

Pitru paksha 2024 शास्त्रों में श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व बताया गया है. मान्यता है कि श्राद्ध और तर्पण करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. श्राद्ध के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने की परंपरा है लेकिन इससे पूर्व पंचग्रास आवश्य निकाला जाता है. पंचग्रास का अर्थ होता है पांच स्थान पर भोजन निकालना, जिसमें गाय, चींटी, कौए, देवता और कुत्ते को भोजन खिलाया जाता है. माना जाता है कि पंचग्रास भोजन से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वह प्रसन्न होते होकर आशीर्वाद देते हैं.श्राद्ध पक्ष में यूं तो प्रतिदिन ही पंचग्रास निकाल सकते हैं लेकिन जिस दिन ब्राह्मण को भोजन करा रहे हों उस दिन विशेष रूप से पांच पत्तलों पर पंच ग्रास निकालना चाहिए. पंचग्रास निकालते वक्त मंत्र का उच्चारण एवं संकल्प जरूर लें. पितरों को तर्पण करने का, उनके श्राद्ध का सबसे उपयुक्त समय दोपहर 12 बजे के बाद माना जाता है. इसके बाद ही ब्रह्माण को भोजन कराना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Body Builder yoga: जन्म कुंडली के ये राजयोग बनाते हैं बॉडी बिल्डर..! ज्योतिष से जानिए इससे जुड़ी रोचक बातें

पंचग्रास को पंचबली और पंचाली भोग के नाम से भी जाना जाता है. वहीं पंचबली के भोग से पितरों की आत्मा तृप्त और प्रसन्न होकर अपने वंशजों को खूब स्नेह व आशीर्वाद देती है. साथ ही घर में सुख- शांति का वास रहता है.पंचग्रास, श्राद्ध के दौरान निकाला जाने वाला भोजन है, जिसमें पांच तरह के जीवों के लिए भोग निकाला जाता है.

पंचग्रास निकालने के नियम इस प्रकार हैं:

1. सबसे पहले गाय के लिए भोजन निकाला जाता है, जिसे गो बलि कहते हैं.

2. दूसरा भोजन कुत्तों के लिए निकाला जाता है, जिसे श्वान बलि कहते हैं.

3. तीसरा भोजन कौओं के लिए निकाला जाता है, जिसे काक बलि कहते हैं.

4. चौथा भोजन देवताओं के लिए निकाला जाता है, जिसे देव बलि कहते हैं. इसे जल में प्रवाहित किया जाता है.

5. पांचवां और आखिरी भोजन चींटियों के लिए निकाला जाता है, जिसे पिपीलिकादि बलि कहते हैं.

यह भी पढ़ें : Neech Bhang Raj Yog: बहुत पॉवरफुल होता ये राजयोग, जातक को शासन-सत्ता तक दिलाता, आपकी कुंडली में तो नहीं

पंचग्रास निकालने के पीछे की मान्यताएं:
1. पंचग्रास से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.
2. पितर प्रसन्न होकर अपने परिजनों को आशीर्वाद देते हैं.
3. पंचग्रास निकालने की विधि सदियों से चली आ रही है.
4. श्राद्ध के दौरान पंचग्रास निकालने का बहुत महत्व है.
5. पंचग्रास निकालने के लिए अलग-अलग मंत्रों का उच्चारण किया जाता है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Pitru Paksha


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular