मान्यता है कि इन दिनों में पूर्वज धरती पर आते हैं.श्राद्ध व तर्पण से प्रसन्न होकर अपने परिवार को आर्शीवाद देते हैं.
Pitru Paksha 2024 : पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है और अब पूरे 16 दिनों तक लोग अपने पितरों और पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए तमाम उपाय और अनुष्ठान करेंगे. अलग-अलग तिथि के अनुसार, पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इन दिनों में पूर्वज धरती पर आते हैं और श्राद्ध व तर्पण से प्रसन्न होकर अपने परिवार को आर्शीवाद देते हैं. पितृ पक्ष के दौरान दान का बड़ा महत्व बताया गया है क्योंकि दान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है लेकिन कुछ ऐसी चीजें भी हैं, जो आपको पितृ पक्ष के दौरान भूलकर भी दान नहीं करना चाहिए. भोपाल निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश चौरे के अनुसार, नमक का दान भी पितृपक्ष में वर्जित माना गया है. इसके पीछे क्या कारण है? आइए जानते हैं.
नमक का ज्योतिष में महत्व
ज्योतिष शास्त्र में नमक का विशेष महत्व बताया गया है. इसे सिर्फ खाद्य सामग्री नहीं माना जाता, बल्कि इसे शुद्धिकरण, स्थायित्व और सुरक्षा का प्रतीक भी माना गया है. साथ ही इसका संबंध शनि ग्रह से माना गया है और शनि को कर्मफल दाता के रूप में भी जाना जाता है. वहीं ज्योतिष में नमक का उपयोग नकारात्मकता को दूर करने के लिए बताया गया है लेकिन नमक को पितृ पक्ष के दौरान दान में देना वर्जित माना गया है.
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पितृ पक्ष में नमक का दान क्यों वर्जित?
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, नमक का संबंध शनि ग्रह से माना जाता है, इसे कर्म और कष्टों का कारक भी माना गया है. वहीं पितृपक्ष के दौरान अपने पूर्वजों और पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध किया जाता है. ऐसे में जब आप पितृ पक्ष के दौरान नमक का दान करते हैं तो इससे शनि की कठोर ऊर्जा आकर्षित होती है, जो पितरों की आत्मा की शांति में बाधा बन सकती है. यही कारण है कि पितृपक्ष के दौरान नमक का दान करने की मनाही होती है.
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पूर्वजों की असंतुष्टि का कारण है नमक का दान
इसके अलावा नमक को पितृ पक्ष के दौरान दान करने का एक और कारण माना गया है. यह कि पितृपक्ष के दौरान हम अपने पूर्वजों या पितरों को सात्विक भोजन का दान करते हैं और उन्हें मिष्ठान भी अर्पित करते हैं. वहीं नमक एक खारा खाद्य पदार्थ है. ऐसे में यदि आप नमक का दान करते हैं तो आपके पूर्वजों को संतुष्टि नहीं मिलती, जिससे आपको उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है.
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FIRST PUBLISHED : September 21, 2024, 09:40 IST