पटना. हिंदू संस्कृति में पेड़ पौधों का खास महत्व है. हम बचपन से देखते आ रहे हैं कि हमारे बड़े बुजुर्ग पेड़ों की पूजा करते हैं. . वजह भले ही धार्मिक हो लेकिन इसके पीछे मूल कारण प्रकृति की पूजा और पर्यावरण का सम्मान ही है. पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़ों को बचाना और लगाना बहुत जरूरी है. इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं पटना के विशेषज्ञ
पर्यावरण की दृष्टि से मौजूदा समय में अधिक से अधिक पेड़- पौधे लगाना हमारी जरूरत बन चुकी है. भारतीय सनानत धर्म और संस्कृति के अध्येता और विशेषज्ञ डॉ. राजनाथ झा बताते हैं हमारी सनातन संस्कृति में पेड़ पौधों की पूजा शुरू से निहित है. यही कारण है सदियों से हम इन्हें पूजते आ रहे हैं. मान्यता है पेड़ पौधों में अलग अलग देवताओं का वास होता है. जैसे पीपल में शनि और केले में विष्णु का वास होता है. इसके अलावा भी कई कारण हैं जिस वजह से पेड़ पूजे जाते हैं.
सनातन धर्म में नक्षत्र वाटिका का विधान
डॉ. राजनाथ झा बताते हैं विश्व में सनातन धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है जिसमें हर वस्तु के पूजा का विधान है. सनातन धर्म में नक्षत्र वाटिका का वर्णन मिलता है. इसमें 27 नक्षत्रों के हिसाब से अलग- अलग पेड़ पौधे होते हैं. राजनाथ बताते हैं अगर इन पेड़ों को किसी भी क्षेत्र में लगाया जाए उस क्षेत्र में नक्षत्रजन्य और ग्रहजन्य किसी भी तरह की समस्या अथवा पीड़ा देखने नहीं मिलेगी. अगर किसी जातक के नक्षत्र में कोई दोष है अथवा नक्षत्र दूषित है तो संबंधित नक्षत्र के पेड़ में जल देने से जातक को नक्षत्र दोष से ना सिर्फ मुक्ति मिलेगी बल्कि इससे अनेक तरह के लाभ भी मिलेंगे.
पेड़ों की पूजा का महत्व
डॉ. राजनाथ झा आगे कहते हैं इसके अलावा सनातन संस्कृति में नव ग्रह की लकड़ियों का भी उल्लेख मिलता है. अगर नवग्रह वाटिका हो तो जातक के जिस ग्रह में समस्या हो उसमें जल डालने से सारी ग्रह से संबंधित सारी समस्या दूर हो जाती हैं.
पेड़ पौधों में देवताओं का वास
डॉ. राजनाथ झा बताते हैं प्राचीन काल से हमारे ऋषि मुनि मानव जीवन पर वृक्षों के सकारात्मक प्रभाव पर शोध कर रहे हैं. कार्तिक मास में आंवले के पेड़ के नीचे बैठने की एक प्रथा है. वर्ष के उस कालखंड में लोग आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन ग्रहण करते हैं. डा झा कहते हैं आंवले के पेड़ के नीचे बैठने से एक अद्वितीय मानसिक शांति की अनुभूति की जा सकती है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक पीपल, बेल, आम सहित ऐसे कई वृक्ष हैं जिनमें विभिन्न देवी- देवताओं का वास होता है. वे आगे कहते हैं शास्त्रों में तुलसी, शमी, केला जैसे कई वृक्षों को पूजनीय माना गया है. क्योंकि, इनमें देवी-देवताओं का वास होता है. इन वृक्षों की पूजा से देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. साथ ही पेड़-पौधों की पूजा करने से सुख और शांति मिलती है.
महीने और मौसम के अनुसार महत्व
राजनाथ झा का कहना है सनातन धर्म में वर्णित इन देवीय पेड़ पौधों का इतना महत्व होता है कि आज भी कई तरह के अनुष्ठान इनके पत्र और पल्लव के बिना अधूरे माने जाते हैं. इसके साथ सनातन संस्कृति में वर्ष के किस मौसम में और किस मुहूर्त में कौन से पेड़ पौधे लगाए जाएं ये भी वर्णित है.
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FIRST PUBLISHED : June 4, 2024, 21:05 IST