Saturday, December 21, 2024
HomeBusinessOnion: किसानों के पास नहीं पहुंच रहा प्याज का मुनाफा,खा रहा है...

Onion: किसानों के पास नहीं पहुंच रहा प्याज का मुनाफा,खा रहा है कौन?

Onion: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक शोध पत्र में कहा गया है कि प्याज किसानों को उपभोक्ताओं के खर्च का केवल 36 प्रतिशत मिलता है. वहीं टमाटर के लिए यह 33 प्रतिशत और आलू के मामले में 37 प्रतिशत है.

शोध पत्र में स्थिति में सुधार के लिए कृषि विपणन क्षेत्र में सुधार का सुझाव दिया गया है. इसमें किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद के लिए निजी मंडियों की संख्या बढ़ाने की बात शामिल है.

टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों को लेकर सब्जियों की महंगाई पर अध्ययन पत्र में कहा गया है.

इसे भी पढ़ें: SIP का नियम 7-5-3-1 क्या है, जिसमें छुपा है करोड़पति बनने का राज?

कृषि विपणन में सुधार की सिफारिशें

‘‘चूंकि सब्जियां जल्दी खराब होने वाली वस्तुएं हैं, ऐसे में टमाटर, प्याज और आलू के विपणन में पारदर्शिता में सुधार के लिए निजी मंडियों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है. प्रतिस्पर्धा से स्थानीय स्तर की कृषि उपज बाजार समिति के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में भी मदद मिल सकती है.’’

सकल मुद्रास्फीति पर हाल के दबाव के पीछे खाद्य मुद्रास्फीति को जिम्मेदार ठहराया गया है. इसमें टमाटर, प्याज और आलू के दाम में भारी उतार-चढ़ाव सबसे चुनौतीपूर्ण रही हैं.

Also Read: PM Internship Scheme: पीएम इंटर्नशिप स्कीम हो गई शुरू, 5 हजार पाने के लिए 12 अक्टूबर से ऐसे अप्लाई करें युवा

शोध पत्र को आर्थिक अनुसंधान विभाग (डीईपीआर) के कर्मचारियों तथा बाहर के लेखकों ने मिलकर तैयार किया है. शोधकर्ताओं ने पाया कि बाजारों में मौजूदा कमियों को कम करने में मदद के लिए ई-राष्ट्रीय कृषि बाजारों (ई-एनएएम) का लाभ उठाया जाना चाहिए. इससे किसानों को प्राप्त कीमतों में वृद्धि होगी जबकि दूसरी तरफ उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान की जाने वाली कीमतें कम होंगी.

उपज संगठनों को बढ़ावा देना

शोध पत्र में टमाटर, प्याज और आलू के मामले में किसान उपज संगठनों को बढ़ावा देने की बात कही गयी है. साथ ही प्याज में खासकर सर्दियों की फसल के लिए वायदा कारोबार शुरू करने की वकालत की गयी है. इससे अनुकूलतम मूल्य खोज और जोखिम प्रबंधन में मदद मिलेगी.

इसे भी पढ़ें: 9 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में आने वाला PM Kisan का पैसा, ऐसे चेक करें स्टेटस

इसमें इन सब्जियों के भंडारण, उनके प्रसंस्करण और उत्पादकता बढ़ाने के तरीकों के बारे में सुझाव दिये गये हैं.

इस बीच, चना, तुअर और मूंग पर जोर के साथ दाल की मुद्रास्फीति पर इसी तरह के एक अध्ययन में कहा गया है कि चने पर उपभोक्ता खर्च का लगभग 75 प्रतिशत किसानों के पास गया. मूंग और अरहर के मामले में यह क्रमश: 70 प्रतिशत तथा 65 प्रतिशत है.

आरबीआई ने साफ किया है कि शोध पत्र में विचार लेखकों के हैं और उससे उसका कोई लेना-देना नहीं है.

इसे भी पढ़ें: 77 डॉलर के पार पहुंचा क्रूड ऑयल, क्या भारत में बढ़ जाएगा Petrol Diesel Price? जानें आज का ताजा रेट


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular