Odisha पुलिस ने केंद्रपाड़ा जिले में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत वृद्धावस्था पेंशन का लाभ लेने के लिए अपने आयु प्रमाण दस्तावेजों में जालसाजी करने के आरोप में 65 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.65 लोगों की उम्र 40 से 50 वर्ष के बीच है और ये सभी अर्गला ग्राम पंचायत क्षेत्र के हैं.उन्होंने इस साल फरवरी से अगस्त तक स्कूल प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों के आधार पर वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त की जो बाद में फर्जी पाए गए.औल ब्लॉक विकास अधिकारी (बीडीओ) मिनाती जगदेब ने कहा कि शुक्रवार को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई.उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.औल पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक सब्यसाची सतपथी ने कहा कि आगे की जांच जारी है.बीडीओ जगदेब ने कहा कि राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (एनएसएपी) एक केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है जो बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांग व्यक्तियों को सामाजिक पेंशन के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करती है.मधु बाबू पेंशन योजना (एमबीपीवाई) ओडिशा सरकार की एक योजना है जो 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों, विधवाओं (उम्र की परवाह किए बिना), एड्स रोगियों और विकलांग व्यक्तियों को पेंशन प्रदान करती है.
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एनएसएपी के दिशा-निर्देशों और एमबीपीवाई नियम 2008 के प्रावधानों के अनुसार, ग्राम पंचायतें और पंचायत समितियां पेंशनभोगी की मृत्यु के प्रत्येक मामले की सूचना तुरंत संबंधित बीडीओ या उप-कलेक्टर को देंगी.इसके अलावा, पेंशनभोगियों का वार्षिक सत्यापन सक्षम प्राधिकारी द्वारा किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पेंशनभोगी जीवित है और पात्रता की सभी शर्तों को पूरा करता है.उन्होंने कहा कि पेंशनभोगी की मृत्यु के बाद पेंशन का भुगतान बंद हो जाएगा.
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