Nota Record: 18वीं लोकसभा चुनाव में भले ही किसी भी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है, लेकिन ‘नोटा’ ने नया रिकॉर्ड जरूर कायम किया है. मीडिया की रिपोर्ट्स की मानें, इस बार के चुनाव में कुल मतदाताओं में से करीब 1 फीसदी मतदाताओं ने नोटा के प्रति अपना विश्वास जताया है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि देश में 543 लोकसभा सीटों में से कई सीटें तो ऐसी हैं, जहां के मतदाताओं ने विजेता प्रत्याशी के निकटतम प्रतिद्वंद्वी से अधिक भरोसा नोटा पर जताया है. आइए, एक झलक देश की उन 10 लोकसभा सीटों पर नजर डालते हैं, जहां के मतदाताओं ने विजेता उम्मीदवारों के निकटतम प्रतिद्वंद्वी नेता से कहीं अधिक विश्वास नोटा पर किया.
मध्य प्रदेश का इंदौर
भारत के निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, मध्य प्रदेश के इंदौर संसदीय क्षेत्र में नोटा को 2,18,674 वोट मिले. यहां से भाजपा के शंकर लालवाणी ने बसपा के संजय को हराकर जीत हासिल की है. शंकर लालवाणी को 12,26,751 और बसपा के संजय को मात्र 51,659 वोट मिले. वहीं, इस सीट पर नोटा को 2,18,674 मत हासिल हुआ, जो बसपा के प्रत्याशी से करीब चार गुणा से भी अधिक है. वोट शेयर की बात करें, तो इंदौर लोकसभा सीट पर नोटा को कुल मतों का करीब 14 फीसदी वोट मिला.
बिहार का गोपालगंज
नोटा वोट के मामले में रिकॉर्ड बनाने वाली सीटों में बिहार का गोपालगंज निर्वाचन क्षेत्र भी शामिल है. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, इस सीट के 42,863 मतदाताओं ने नोटा के पक्ष में अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो तीसरे नंबर पर रहने वाले एआईएमआईएम के प्रत्याशी दीनानाथ मांझी को मिले मतों से कहीं अधिक है. यहां पर जेडीयू के प्रत्याशी डॉ आलोक कुमार सुमन को करीब 5,11,866 वोट मिले और तीसरे नंबर के प्रत्याशी दीनानाथ मांझी ने 29,992 वोट हासिल किए. वोट शेयरिंग की बात की जाए, इस सीट पर नोटा को कुल मतों का करीब 4.03 फीसदी मत हासिल हुआ.
बिहार का झंझारपुर
नोटा के रिकॉर्ड बनाने के मामले में बिहार का झंझारपुर भी पीछे नहीं है. यहां के करीब 35,928 मतदाताओं ने नोटा के पक्ष में अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. इस सीट पर जेडीयू के विजेता उम्मीदवार को करीब 5,33,032 वोट मिले, जबकि नोटा को चौथे नंबर पर रहने वाले निर्दलीय उम्मीदवार राम प्रसाद राउत से कहीं अधिक मत मिला है. राम प्रसाद राउत को कुल 26,010 मत प्राप्त हुआ. वोट शेयरिंग की बात की जाए, तो नोटा को कुल मत का करीब 3.28 फीसदी मत हासिल हुआ.
बिहार का हाजीपुर
नोटा के मामले में रिकॉर्ड बनाने वाली लोकसभा सीटों में बिहार के हाजीपुर का नाम भी शामिल हैं. यहां पर नोटा को 36,927 मत मिले. यहां पर नोटा को तीसरे स्थान पर रहने वाले निर्दलीय प्रत्याशी सुरेंद्र कुमार पासवान से दोगुने से भी अधिक मत मिला है. इस सीट से लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के प्रत्याशी चिराग पासवान को जीत मिली है. वोट शेयरिंग की बात की जाए, तो यहां पर नोटा को करीब 3.20 फीसदी वोट मिला है.
झारखंड का कोडरमा
नोटा में रिकॉर्ड बनाने वाली सीटों में झारखंड का कोडरमा भी शामिल है. यहां पर नोटा को 42,152 मत मिला, जो निर्दलीय प्रत्याशी मनोज कुमार के मिले 28,612 मत से कहीं अधिक है. इस सीट से भाजपा की अन्नपूर्णा देवी को जीत मिली है. इस सीट पर नोटा के वोट शेयरिंग की बात की जाए, तो नोटा को करीब 3.08 फीसदी वोट हासिल हुआ है.
गुजरात का दाहोद
नोटा में रिकॉर्ड बनाने वाली सीटों में गुजरात की दाहोद भी शामिल है. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, यहां पर नोटा को 34,938 वोट मिले, जो निर्दलीय प्रत्याशी मेदा देवेंद्र कुमार लक्ष्मणभाई के 11,075 वोट से कहीं अधिक है. इस सीट से भाजपा के जसवंत सिंह सुमनभाई भाभोर को जीत मिली है. उन्होंने कांग्रेस के डॉ प्रभाबेन तावियाड को पराजित किया है. वोट शेयरिंग की बात करें, तो इस सीट पर नोटा को करीब 3.12 फीसदी वोट मिला है.
छत्तीसगढ़ का बस्तर
छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा सीट पर भी नोटा ने रिकॉर्ड कायम किया है. यहां के करीब 36,758 मतदाताओं ने नोटा के पक्ष में अपने मताधिकार का प्रयोग किया है, जो तीसरे नंबर पर रहने वाले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी फूल सिंह कचलाम को मिले 35,887 मतों से कहीं अधिक है. इस सीट से महेश कश्यप कांग्रेस के कवासी लखमा को हराकर जीत हासिल किए हैं. वोट शेयरिंग की बात की जाए, तो इस सीट पर नोटा को करीब 3.65 फीसदी वोट मिले हैं.
ओडिशा का नबरंगपुर
नोटा ने ओडिशा के नबरंगपुर में भी रिकॉर्ड कायम किया है. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, यहां पर नोटा के पक्ष में कुल 43,268 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. इस सीट पर नोटा के पक्ष में जितने लोगों ने अपना भरोसा जताया है, वह एसयूसीआई (सी) के प्रत्याशी त्रिनाथ मुंडागुडिया को मिले 20,559 मतों से दोगुने से भी अधिक है. इस सीट से भाजपा के बलभद्र मांझी ने जीत हासिल की है. वोट शेयरिंग की बात करें, तो यहां पर नोटा को करीब 3.48 फीसदी वोट मिले हैं.
ओडिशा का कोरापुट
ओडिशा की कोरापुट लोकसभा सीट पर भी नोटा ने रिकॉर्ड कायम किया है. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, यहां के करीब 37,131 मतदाताओं ने नोटा के पक्ष में अपने मताधिकार का प्रयोग किया है, जो बसपा प्रत्याशी दामिनी जानी को मिले 15,427 वोट से दोगुने से भी अधिक है. इस सीट से सप्तगिरि शंकर उलाका को जीत मिली है. वोट शेयरिंग की बात करें, तो यहां पर नोटा को 3.23 फभ्सदी वोट मिले हैं.
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आंध्र प्रदेश का अराकू
नोटा ने आंध्र प्रदेश की अराकू लोकसभा सीट पर भी बड़े दमखम के साथ अपना प्रदर्शन किया है. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के अनुसार, यहां के करीब 50,470 मतदाताओं ने नोटा के पक्ष में अपने मताधिकार का प्रयोग किया है, जो बसपा प्रत्याशी अवाश्या लाहड़ी वराम को मिले 25,750 मतों से कहीं अधिक है. यहां पर युवाजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी की गुम्मा तनुजा रानी को जीत मिली है. वोट शेयरिंग की बात की जाए, तो इस सीट से नोटा को करीब 4.33 फीसदी वोट मिला है.
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