इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून मंगलवार के दिन रखा जाएगा. यह व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखते हैं. इस बार यह तिथि 17 जून सोमवार को 04:43 एएम से 18 जून को 07:28 एएम तक रहेगी. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र का कहना है कि निर्जला एकादशी एक ऐसा व्रत है, जिसे सभी लोगों को रखना चाहिए. पांच पांडवों में से एक भीमसेन ने भी इस व्रत को रखा था, जबकि वह किसी भी दिन बिना भोजन के नहीं रहते थे. लेकिन उन्होंने बिना अन्न और जल के इस व्रत को किया. इस बात से आपको अंदाजा लग गया होगा कि यह व्रत कितना महत्वपूर्ण है? आइए जानते हैं कि निर्जला एकादशी का व्रत क्यों रखना चाहिए? निर्जला एकादशी के दिन जल का दान क्यों करना चाहिए?
क्यों रखना चाहिए निर्जला एकादशी व्रत?
धार्मिक मान्यताओें के अनुसार, निर्जला एकादशी एक ऐसा व्रत है, जिसको करने से आपको पूरे साल के सभी 24 एकादशी व्रतों का पुण्य लाभ प्राप्त हो सकता है. इसका अर्थ है कि आप पूरे साल में मात्र निर्जला एकादशी का व्रत विधि विधान से करके सभी एकादशी व्रत के समान फल को प्राप्त कर सकते हैं.
ये भी पढ़ें: बुध गोचर 4 राशिवालों की बढ़ाएगा टेंशन, 14 जून से शुरू होगा टफ टाइम, गलत तरीके से कमाया धन पहुंचाएगा हानि!
दूसरी बात यह है कि जो भी व्यक्ति निर्जला एकादशी का व्रत रखता है, उसके सभी पाप मिट जाते हैं क्योंकि उस पर भगवान विष्णु की कृपा होती है. जीवन के अंत में उसे हरि कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसे बैकुंठ में स्थान मिलता है.
भीमसेन ने भी रखा था निर्जला एकादशी व्रत
पौराणिक कथा के अनुसार, भीमसेन को इस बात की चिंता हुई कि माता कुंती और बाकी सभी 4 भाई सभी एकादशी व्रत रखते हैं, लेकिन भूख के कारण वे व्रत नहीं रख पाते हैं. यदि वे व्रत नहीं करेंगे तो उनको मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति नहीं होगी. उनके पाप नहीं मिटेंगे. इस डर से उन्होंने वेद व्यास जी से इसका हल पूछा. तब उन्होंने कहा कि तुम एक बार निर्जला एकादशी का व्रत रखो. इसमें एकादशी के सूर्योदय से द्वादशी के सूर्योदय तक अन्न और जल ग्रहण नहीं करना. इस व्रत को करने से सभी एकादशी व्रतों का पुण्य लाभ मिल जाएगा. भीमसेन ने विधिपूर्वक निर्जला एकादशी का व्रत रखा, जिसके पुण्य प्रभाव से उनको जीवन के अंत में स्वर्ग की प्राप्ति हुई. भीमसेन ने यही एक मात्र व्रत रखा था, इस वजह से निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं.
ये भी पढ़ें: निर्जला एकादशी पर बन रहे 3 शुभ संयोग, पारण वाले दिन 5 बातें हैं विशेष, नोट कर लें व्रत की तारीख
निर्जला एकादशी पर जल दान क्यों करना चाहिए?
निर्जला एकादशी के दिन आपको जल का दान जरूर करना चाहिए. इसके लिए एक कलश में पानी भर लें और उसे किसी जरूरतमंद या गरीब ब्राह्मण को दान कर दें. निर्जला एकादशी पर जल का दान करने से हर प्रकार की समस्याओं से निजात मिलता है. आर्थिक संकट, गृह क्लेश, रोग आदि से मुक्ति मिल सकती है. जल का दान करने से पितृ दोष और कुंडली के चंद्र दोष से भी मुक्ति मिल सकती है.
वैसे भी ज्येष्ठ के महीने में जल दान करने से पुण्य मिलता है. इस माह में सूर्य की तपिश अधिक होती है, इस वजह से राहगीरों, पशु-पक्षियों को पानी पिलाना चाहिए. यह पुण्य कर्मों में से एक है.
Tags: Dharma Aastha, Lord vishnu, Nirjala Ekadashi
FIRST PUBLISHED : June 11, 2024, 09:45 IST