Friday, November 15, 2024
HomeReligionNavratri Kanya Puja 2024 actual date: कन्या पूजन कब करें 10 या...

Navratri Kanya Puja 2024 actual date: कन्या पूजन कब करें 10 या 11 अक्टूबर

Navratri Kanya Puja 2024: नवरात्रि, देवी दुर्गा की नौ रूपों की पूजा का महोत्सव, हर साल धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल, एक खास संयोग के तहत, अष्टमी और नवमी एक ही दिन, शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024 को पड़ रही हैं. यह दुर्लभ संयोग कन्या पूजन के दौरान एक विशेष महत्व रखता है. आइए जानते हैं कब और कैसे करें कन्या पूजन, साथ ही इसके शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में भी जानिए.

Ashtami and Navami 2024: अष्टमी और नवमी को लेकर ना हों कन्फ्यूजन, जानें कब है महाष्टमी और महानवमी 

अष्टमी और नवमी, जानें तिथियां और समय

दुर्गा अष्टमी: शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024
अष्टमी तिथि आरंभ: 10 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:31 बजे
अष्टमी तिथि समाप्त: 11 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:06 बजे
महानवमी: शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024
नवमी तिथि आरंभ: 11 अक्टूबर 2024 को दोपहर 12:06 बजे
नवमी तिथि समाप्त: 12 अक्टूबर 2024 को सुबह 10:58 बजे

कन्या पूजन का महत्व

कन्या पूजन, नवरात्रि के दौरान एक महत्वपूर्ण रस्म है, जहां छोटी लड़कियों को देवी का रूप मानकर पूजा जाता है. इस दिन, कन्याओं को नए कपड़े, पैसे, मिठाइयां और अन्य उपहार दिए जाते हैं. माना जाता है कि इस पूजा से व्यक्ति को देवी की कृपा मिलती है.

कन्या पूजन के लिए सही दिन का चुनाव कैसे करें: 10 या 11 अक्टूबर?

चूंकि अष्टमी और नवमी एक ही दिन पड़ रही हैं, यह बहुत से भक्तों के लिए एक अवसर है कि वे दोनों तिथियों का लाभ उठा सकें. हालांकि, कन्या पूजन विशेष रूप से अष्टमी तिथि पर करना अधिक शुभ माना जाता है. इस दिन, देवी दुर्गा की आराधना और कन्या पूजन से भक्तों को विशेष आशीर्वाद और फल प्राप्त होता है.

शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

कन्या पूजन का सही समय अष्टमी तिथि के अंतर्गत आता है. इस दिन विशेष पूजा विधियों का पालन करें:

कन्याओं को आमंत्रित करें: घर में 9 छोटी लड़कियों को आमंत्रित करें और उन्हें देवी का रूप मानते हुए उनका स्वागत करें.
भोजन और उपहार: उन्हें स्वादिष्ट भोजन और उपहार दें, जैसे कि फल, मिठाइयां और कपड़े.
आरती और प्रार्थना: कन्याओं की आरती उतारें और देवी दुर्गा स्वरूप नौ कन्याओं से आशीर्वाद प्राप्त करें.

नवरात्रि अष्टमी और नवमी का उत्सव

11 अक्टूबर को जब अष्टमी और नवमी की पूजा एक साथ होगी, तो पूरे माहौल में एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होगा. भक्तों में उमंग और श्रद्धा के साथ इस दिन की पूजा करेंगे. यह अवसर न केवल व्यक्तिगत रूप से, बल्कि सामूहिक रूप से भी पुण्य और सकारात्मकता का संचार करेगा.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular