Naam Movie Review: नाम वो फिल्म है जो 2004 में बनकर तैयार हुई थी, लेकिन इसे रिलीज होने में पूरे 20 साल लग गए. इस फिल्म का नाम सुनकर ही एक रहस्य का एहसास होता है, लेकिन असल में इसके रिलीज में देरी की कहानी भी किसी फिल्मी सस्पेंस से कम नहीं है. पहले प्रोड्यूसर की डेथ, फिर फिल्म की गुणवत्ता पर सवाल – ऐसे कई कयास लगाए गए.
एक्शन, थ्रिल और कहानी: क्या है नाम की खासियत?
फिल्म एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर है जो आपको अपने ट्विस्ट और टर्न्स से हैरान कर देती है. अजय देवगन ने एक ऐसे किरदार को निभाया है, जो अपनी याददाश्त खो चुका है, लेकिन उसकी असलियत का खुलासा कहानी में बड़ा ट्विस्ट लाता है. फिल्म में खून-खराबा, ताबड़तोड़ एक्शन और एक चालाक अंत है, जो इसे 2004 के दौर की याद दिलाती है, जब फिल्मों की कहानी पर ज्यादा फोकस होता था.
स्टार कास्ट: पुराने चेहरे, नए इमोशन
फिल्म में अजय देवगन के साथ समीरा रेड्डी, राजपाल यादव और कई अन्य सितारे हैं. राजपाल यादव की कॉमेडी आज भी हंसाने में कामयाब है. वहीं, समीरा के डांस नंबर्स और हिमेश रेशमिया का म्यूजिक 2000 के दशक की यादें ताजा कर देता है.
क्या फिल्म देखने लायक है?
अगर आप पुराने दौर के सिनेमा के फैन हैं और एक हल्की-फुल्की कहानी का आनंद लेना चाहते हैं, तो नाम आपके लिए है. यह फिल्म आपको 2004 के सादगी भरे सिनेमा के दौर में वापस ले जाती है. हालांकि, आज के कंटेंट के हिसाब से इसे आउटडेटेड कहा जा सकता है. फिल्म 2 घंटे की है और एक मिनट के लिए भी बोर नहीं करती. लेकिन अगर आप मॉडर्न VFX या आज के हाई-लेवल कंटेंट की उम्मीद कर रहे हैं, तो यह आपके लिए नहीं है.
टिकट बुक करने से पहले सोचें
नाम उन दर्शकों के लिए बनी है, जो सस्पेंस, थ्रिल और पुराने दिनों की सादगी को एंजॉय करना चाहते हैं. अगर आप आज के कॉन्टेंट से बोर हो चुके हैं, तो यह फिल्म जरूर देखें.
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