Insurance : भारत में मोटर बीमा करवाने वाले लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी है. भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) के नए नियमों के अनुसार अब बीमा कंपनियाँ सिर्फ इसलिए आपका दावा ठुकरा नहीं सकतीं क्योंकि आपके पास सभी कागज़ात नहीं थे. इस कदम का उद्देश्य बीमा का दावा करना आसान और ज़्यादा उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना है. IRDAI ने सभी क्षेत्रों में ग्राहक सेवा को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है.
मिलेंगे अच्छे बीमा प्लांस
IRDAI ने एक नया मास्टर सर्कुलर जारी किया था जो 13 पुराने सर्कुलर की जगह लेगा. इस अपडेट से बीमा कंपनियों को यह समझने में मदद मिलेगी कि ग्राहकों को क्या चाहिए. अब कंपनियां ज्यादा अनुकूलित बीमा प्लान बना सकते हैं. ग्राहकों के पास अब चुनने के लिए ज्यादा ऑप्शंस होंगे. नए सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि मोटर बीमा दावों को सिर्फ दस्तावेजों के अभाव के कारण अस्वीकार नहीं किया जा सकता है. कंपनियों को भी सिर्फ जरूरी डॉक्यूमेंट्स मांगने की अनुमति है.
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यह कहते हैं नए नियम
बीमा नियामक ने मोटर बीमा कंपनियों को स्वास्थ्य बीमा की तरह ही अपने ग्राहकों को ग्राहक सूचना पत्र (CIS) प्रदान करने का निर्देश दिया है. इस पत्र में पॉलिसी विवरण जैसे कवरेज, ऐड-ऑन, बीमा राशि, शर्तें, वारंटी और दावा प्रक्रिया स्पष्ट रूप से बताई जाएगी. IRDAI ने ग्राहकों के लिए अपनी पॉलिसी रद्द करने और रिफंड प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाया है. ग्राहक बिना कोई कारण बताए अपनी पॉलिसी रद्द कर सकते हैं. पर पॉलिसी कम से कम एक साल से सक्रिय होनी चाहिए और उस अवधि के दौरान कोई दावा न किया गया हो. एक साल से अधिक की अवधि वाली पॉलिसी के लिए, ग्राहक प्रीमियम पर रिफंड का अनुरोध कर सकते हैं. धोखाधड़ी साबित होने के मामलों में, ग्राहक अब कंपनी को 7-दिन का नोटिस देकर अपनी पॉलिसी रद्द कर सकते हैं.
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