ग्रहों के राजा सूर्य देव जिस समय किसी भी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस समय उस राशि से जुड़ी सूर्य की संक्रांति होती है. सूर्य अभी वृषभ राशि में हैं. सूर्य देव वृषभ से निकलकर जिस समय मिथुन राशि में गोचर करेंगे, उस समय सूर्य की मिथुन संक्रांति होगी. सूर्य के संक्रांति के समय पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करने का विधान है. इस दिन स्नान और दान करने से सूर्य मजबूत होता है और भाग्य चमकता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि मिथुन संक्रांति कब है? मिथुन संक्रांति का महा पुण्य काल कब है? मिथुन संक्रांति के दिन क्या दान करना चाहिए?
कब है मिथुन संक्रांति?
सूर्य देव 15 जून शनिवार के दिन मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. वे 12:38 एएम पर मिथुन राशि में जाएंगे, उस क्षण ही सूर्य की मिथुन संक्रांति होगी. मिथुन संक्रांति के साथ ही सौर कैलेंडर का तीसरा माह मिथुन भी प्रारंभ हो जाता है.
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मिथुन संक्रांति 2024 महा पुण्य काल
15 जून को मिथुन संक्रांति का महा पुण्य काल 2 घंटे 20 मिनट का है. उस दिन महा पुण्य काल सुबह 05 बजकर 23 मिनट से सुबह 07 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. यह समय मिथुन संक्रांति के स्नान के लिए अच्छा रहेगा.
मिथुन संक्रांति 2024 पुण्य काल
मिथुन संक्रांति के पुण्य काल की अवधि 6 घंटे 59 मिनट तक है. मिथुन संक्रांति पर पुण्य काल सुबह 05 बजकर 23 मिनट से दोपहर 12 बजकर 22 मिनट तक है. जो लोग सुबह 07 बजकर 43 मिनट तक स्नान नहीं कर पाएं तो वे पुण्यकाल की अवधि में स्नान कर लें.
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मिथुन संक्रांति 2024 दान की वस्तुएं
मिथुन संक्रांति के दिन भगवान भास्कर की पूजा करते हैं. उनको जल, लाल फूल, गुड़, लाल चंदन आदि से अर्घ्य देना चाहिए. इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है. मिथुन संक्रांति के दिन पूजा के बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान करें.
मिथुन संक्रांति पर आपको लाल वस्त्र, तांबे के बर्तन, लाल रंग के फूल, गुड़, गेहूं आदि का दान करना चाहिए. यह आपके सूर्य दोष को दूर करेगा. सूर्य के मजबूत होने से करियर में तरक्की के अवसर प्राप्त होंगे. पिता से संबंध मजबूत होगा और उनसे मदद प्राप्त होगी.
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FIRST PUBLISHED : June 8, 2024, 07:26 IST