Match Fee: टीम इंडिया के खिलाड़ी जब क्रिकेट के मैदान पर मैच खेल रहे होते हैं, तो उनके प्रदर्शन के साथ आप खुद-ब-खुद जुड़ जाते हैं. वे एक-एक रन के लिए पसीना बहाते नजर आते हैं. लेकिन, आपको यह पता नहीं होगा कि उन्हें मैदान पर उतारने के लिए उनके कोच और सपोर्टिंग स्टाफ भी पसीना बहाते हैं. क्रिकेट मैच खेलने के बदले में बीसीआई खिलाड़ियों को मैच फीस देता है. मुख्य कोच को सालाना पैकेज मिलता है और सपोर्टिंग स्टाफ को वेतन मिलता है. आइए, जानते हैं कि मुख्य कोच, खिलाड़ी और सपोर्टिंग स्टाफ को साल में कितने पैसे मिलते हैं?
क्रिकेट खिलाड़ियों की फीस
बिजनेस स्टैंडर्ड की ओर से 28 फरवरी 2024 को प्रकाशित की गई रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई ने खिलाड़ियों को चार श्रेणियों में बांटते हुए उनके पारिश्रमिक का भी खुलासा नहीं किया. इससे पहले क्रिकेटरों को आम तौर पर ए प्लस ब्रैकेट में 7 करोड़ रुपये, ए में 5 करोड़ रुपये, बी में 3 करोड़ रुपये और सी श्रेणी में 1 करोड़ रुपये मैच फीस के अलावा मिलते थे.
क्रिकेट प्लेयर्स को एक मैच की फीस
हिंदुस्तान टाइम्स और क्रिकेट रिजॉल्व की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) क्रिकेट खिलाड़ियों को मैच फीस के रूप में अच्छी-खासी रकम देता है. 2022 में लागू समान भुगतान नीति के अनुसार, पुरुष और महिला दोनों खिलाड़ियों को समान फीस दी जाती है.
- टेस्ट मैच: यदि खिलाड़ी प्लेइंग XI में हैं, तो 15 लाख रुपये और रिजर्व खिलाड़ियों को 7.5 लाख रुपये
- वनडे मैच: 6 लाख रुपये (प्लेइंग XI) और 3 लाख रुपये (रिजर्व)
- टी20 मैच: 3 लाख रुपये (प्लेइंग XI) और 1.5 लाख रुपये (रिजर्व)
रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू क्रिकेट में रणजी ट्रॉफी के लिए खिलाड़ियों को उनके अनुभव के आधार पर 40,000-60,000 रुपये प्रति दिन मिलते हैं. विजय हजारे ट्रॉफी (50 ओवर) के लिए 50,000 रुपये और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (टी20) के लिए 17,500 रुपये प्रति मैच भुगतान किया जाता है.
मुख्य कोच को कितनी फीस देता है बीसीसीआई
बीसीसीआई की ऑफिशियल वेबसाइट और लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच की फीस बीसीसीआई की ओर से तय की जाती है, जो उनकी योग्यता और अनुभव पर निर्भर करती है. 2024 में बीसीसीआई ने यह स्पष्ट किया है कि मुख्य कोच का वेतन “नेगोशिएबल” होगा और उनकी अनुभव क्षमता के अनुसार तय किया जाएगा. आम तौर पर, भारतीय टीम के कोच को सालाना 10 करोड़ से 12 करोड़ रुपये तक का वेतन मिलता है. यह वेतन अनुबंध के तहत निर्धारित होता है. इसमें किसी विशेष मैच की फीस शामिल नहीं होती है, बल्कि इसे उनके सालाना पैकेज में जोड़ा जाता है. भारतीय क्रिकेट कोच का वेतन दुनिया में सबसे अधिक भुगतान किए जाने वाले कोचों में से एक है.
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सपोर्टिंग स्टाफ को मिलने वाला वेतन
बीसीसीआई डॉक्यूमेंट्स और क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई सपोर्टिंग स्टाफ को उनकी भूमिका और अनुभव के आधार पर सालाना वेतन देता है. इन प्रमुख कोचिंग और सपोर्टिंग स्टाफ में फिजियोथेरेपिस्ट, ट्रेनर्स, एनालिस्ट और अन्य सहायक कर्मचारी शामिल हैं. मुख्य कोचिंग स्टाफ (बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फिल्डिंग कोच) को 3 करोड़ से 4 करोड़ रुपये प्रति वर्ष तक भुगतान किया जाता है.
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रिपोर्ट में कहा गया है कि फिजियोथेरेपिस्ट और ट्रेनर्स को सालाना 1.5 करोड़ से 2 करोड़ रुपये दिए जाते हैं. वीडियो एनालिस्ट और अन्य तकनीकी स्टाफ को सालाना 50 लाख से 1 करोड़ रुपये मिलते हैं. यह वेतन उनके अनुबंध और टीम के साथ उनकी भूमिका की आवश्यकता पर निर्भर करता है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाले स्टाफ को घरेलू स्तर पर काम करने वाले स्टाफ की तुलना में अधिक वेतन मिलता है. इसके अलावा, सपोर्टिंग स्टाफ को यात्रा भत्ता, आवास, और अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं.
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