मासिक शिवरात्रि के दिन गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करें.भोलेनाथ शनि देव के गुरु कहलाते हैं.
Masik Shivratri 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि पड़ती है. इस दिन भोलेनाथ की विधि-विधान से पूजा की जाती है और उनसे सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. कई कुंवारी कन्याएं इस दिन अच्छे वर की कामना के लिए भी व्रत रखती हैं. माना जाता है कि शिवरात्रि का व्रत रखने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. ये भी माना जाता है कि इस दिन जो सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा करते हैं उनके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. तो आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से मासिक शिवरात्रि के दिन कैसे करें शिव जी की पूजा, साथ ही जानेंगे क्या है तारीख और मुहूर्त.
मासिक शिवरात्रि 2024 तारीख और मुहूर्त-
हिंदी पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 04 जून को रात 10:01 मिनट से शुरू होगी और 05 जून को रात 07:54 बजे समाप्त होगी. ऐसे में मासिक शिवरात्रि का व्रत 04 जून को रखा जाएगा.
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मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दि उठकर नित्यकर्म से निवृत होकर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद घर के मंदिर की सफाई करें और दीपक प्रज्जवलित करने के बाद शिव मंदिर जाएं. शिव मंदिर जाकर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करें और भगवान शिव का जल और दूध से आभिषेक करें. अभिषेक करने के बाद पूजा सामग्री में अक्षत, फूल, फल, पंचामृत, बेलपत्र, धतूरा और धूप आदि सम्मिलित करें. इसके बाद इस दिन शिव मंत्रों का जाप करें.
मासिक शिवरात्रि उपाय
वैवाहिक जीवन की परेशानियां दूर करने के लिए
यदि किसी व्यक्ति का वैवाहिक जीवन ठीक नहीं चल रहा है तो ऐसे में उसे मासिक शिवरात्रि के दिन पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए. इसके बाद पंचाक्षरी मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ के साथ ‘ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:’ मंत्र का जाप करना चाहिए. माना जाता है कि इस उपाय को पूरी श्रृद्धा भाव से किया जाए तो वैवाहिक जीवन में आ रही सभी परेशानियां खत्म होती हैं. साथ ही रिश्ते में मधुरता आती है.
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शनि दोषों से मुक्ति पाने के लिए
शनि दोषों से मुक्ति पाने के लिए मासिक शिवरात्रि के दिन गन्ने के रस से भगवान शिव का अभिषेक करें इसके साथ ही उन्हें 11 शमी के पत्ते चढ़ाएं और शिव चालीसा का पाठ करें. मान्यताओं के अनुसार भोलेनाथ शनि देव के गुरु कहलाते हैं. इसलिए शिवरात्रि के दिन इन उपायों को करने से जातक की शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 3, 2024, 10:22 IST