Marriage Compatibility: ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति के 3 गणों के बारे में गणना की गई है, मानव गण, देव गण और राक्षस गण. तीनों नों गणों में सर्वश्रेष्ठ गण ‘देव’ को माना जाता है, पर राक्षस गण के जातक भी किसी से कम नहीं होते हैं. वे साहसी और मजबूत इच्छाशक्ति वाले होते हैं. आइए जानें ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा से कैसे होते हैं राक्षस गण के लोग
राक्षस गण वाले लोगों में होती है ये खूबी
राक्षस गण वाले लोग कठोर हृदय के होते हैं और पहले अपना हित सोचते हैं. ये निडर और साहसी होते हैं और हर स्थिति का डटकर मुकाबला करते हैं. ये लोग साफ़ और कड़वा बोलते हैं.
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इस गण के लोगों का सिक्सेंस यानी छठी इंद्री काफी तेज होती है जिससे यह नकारात्मक चीजों को बहुत जल्दी भांप लेते हैं. हालांकि ये लोग हर विषय को लेकर नकारात्मक पहले सोचते हैं. इस गण के लोग निडर, साहसी, कटु वचन बोलने वाले और हर परिस्थिति का डट कर सामना करने वाले होते हैं. इस गण के लोगों को देव गण के मनुष्यों से शादी करने से बचना चाहिए. क्योंकि स्वभाव में ज्यादा अंतर होने की वजह से सही तालमेल नहीं बैठ पाता है.
इन नक्षत्रों में जन्म लेने वाले जातक होते हैं राक्षस गण के
मघा , आश्लेषा , धनिष्ठा , ज्येष्ठा , मूल , शतभिषा , विशाखा , कृतिका और चित्रा नक्षत्रो जन्म लेने वाले जातक राक्षस गण के माने जाते है.