हिंदू कैलेंडर का 9वां महीना मार्गशीर्ष का प्रारंभ 16 नवंबर दिन शनिवार से हो रहा है. मार्गशीर्ष माह के पहले दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. मार्गशीर्ष को अगहन माह भी कहा जाता है. मार्गशीर्ष अंग्रेजी कैलेंडर के नवंबर और दिसंबर में आता है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी का कहना है कि मार्गशीर्ष महीने को भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप माना गया है. इसमें भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है. आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष माह के प्रारंभ पर कौन से 3 शुभ योग बन रहे हैं? मार्गशीर्ष माह में व्रत और पूजा के नियम क्या हैं?
मार्गशीर्ष माह के प्रारंभ का मुहूर्त 2024
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 16 नवंबर शनिवार को तड़के 2 बजकर 58 मिनट से प्रारंभ हो रही है. इस तिथि का समापन उस रात 11 बजकर 50 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर मार्गशीर्ष माह का शुभारंभ 16 नवंबर से हो रहा है.
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मार्गशीर्ष माह का समापन 2024
16 नवंबर से शुरू हो रहे मार्गशीर्ष माह का समापन 15 दिसंबर दिन रविवार को होगा. उस दिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा होगा. हिंदू कैलेंडर का कोई भी माह कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होता है और शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को समाप्त होता है.
3 शुभ में प्रारंभ होगा मार्गशीर्ष माह 2024
इस साल मार्गशीर्ष माह के प्रथम दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा तिथि को परिघ योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं. परिघ योग प्रात:काल से लेकर रात 11 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग शाम को 7 बजकर 28 मिनट से अगले दिन सुबह 6 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. पहले दिन कृत्तिका नक्षत्र प्रात:काल से लेकर शाम 7 बजकर 28 मिनट तक रहेगा.
मार्गशीर्ष माह में व्रत और पूजा के नियम
1. मार्गशीर्ष महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. यदि आप मार्गशीर्ष माह में यमुना नदी में स्नान के बाद भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं तो उनकी कृपा आपको सहज ही प्राप्त होगी.
2. मार्गशीर्ष में भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप और भगवत गीता का पाठ करने से व्यक्ति का कल्याण होता है. उसके दुख दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
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3. इस माह में आपको ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना चाहिए. भगवान श्रीकृष्ण और श्रीहरि की पूजा में तुलसी के पत्ते का भोग जरूर लगाएं.
4. मार्गशीर्ष माह में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए शंख की पूजा करें. उसमें गंगाजल भरकर श्रीकृष्ण या भगवान विष्णु के चारों ओर घुमाएं और उस जल को पूरे घर में छिड़क दें. इससे नकारात्मकता दूर होगी.
5. इस माह में भगवान श्रीकृष्ण का नाम जप करें. भजन, कीर्तन के साथ मासिक कृष्ण अष्टमी और एकादशी व्रत विधि विधान से करें.
6. मार्गशीष के महीने में तुलसी, गर्म कपड़े, फल, अन्न, भोजन, मोरपंख, दीपक, पीतांबर, चंदन आदि का दान करना शुभ होता है.
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FIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 11:24 IST