Margashirsha Kalashtami 2024 Upay: प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत मनाया जाता है. इस वर्ष कालाष्टमी 23 नवंबर को है. इस दिन भगवान शिव के उग्र स्वरूप की पूजा करने का प्रावधान है. इस संदर्भ में, इस वर्ष कालाष्टमी का व्रत कब आयोजित किया जाएगा, पूजा का शुभ समय क्या है और कालाष्टमी व्रत का महत्व क्या है, इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं.
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इस व्रत से रोगों का नाश होता है
कालाष्टमी पर्व भगवान शिव के रुद्र अवतार कालभैरव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. यह व्रत अत्यंत फलदायी माना जाता है. इस दिन विधिपूर्वक कालभैरव की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और काल उससे दूर हो जाता है. इसके अतिरिक्त, व्यक्ति विभिन्न रोगों से भी मुक्त रहता है. साथ ही, उसे सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है.
कालाष्टमी के अवसर पर भैरव पूजन से प्रेतात्माएं और नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं. मान्यता है कि भगवान भैरव का वाहन काला कुत्ता है, इसलिए इस दिन काले कुत्ते को रोटी देना आवश्यक है.
कालाष्टमी पर निकटवर्ती मंदिर जाकर कालभैरव को दीपक अवश्य लगाना चाहिए.
यह व्रत अत्यंत लाभकारी माना जाता है. इस दिन व्रत रखकर विधिपूर्वक कालभैरव की पूजा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और काल उससे दूर हो जाता है.
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