Margashirsha Amavasya 2024: इस वर्ष मार्गाशीर्ष की अमावस्या आज 1 दिसंबर, रविवार को मनाई जा रही है. इसे अगहन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. यह अमावस्या कार्तिक अमावस्या के समान ही पवित्र और फलदायी मानी जाती है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष महत्व है. इसके अतिरिक्त, यह दिन दान और पुण्य के कार्यों के लिए भी अत्यंत उपयुक्त माना जाता है.
मार्गशीर्ष अमावस्या का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, मार्गाशीर्ष अमावस्या तिथि 30 नवंबर को सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर प्रारंभ हो चुकी है और 1 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी. अतः जो लोग व्रत और स्नानदान का आयोजन करते हैं, उन्हें 1 दिसंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या का विधिपूर्वक पालन करना चाहिए.
मार्गशीर्ष अमावस्या पर बन रहा है शुभ योग
इस बार अमावस्या का दिन रविवार को आ रहा है, जिसे ज्योतिष में विशेष शुभ योग माना गया है. ज्योतिषियों के अनुसार, रविवार को अमावस्या के दिन गंगा स्नान और दान करने से सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा विधि
इस दिन प्रातःकाल किसी पवित्र नदी, तालाब या कुंड में स्नान करना आवश्यक है और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए. स्नान के उपरांत बहते जल में तिल का अवश्य प्रवाह करें.
इस दिन भगवान विष्णु, श्री कृष्ण और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है.
इस दिन सत्यनारायण की कथा का पाठ करना चाहिए.
इस दिन भगवद गीता का पाठ करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है.
जो व्यक्ति मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत रखते हैं, उन्हें व्रत के दिन स्नान के बाद पीपल के वृक्ष में दूध और जल अर्पित करना चाहिए.
मार्गशीर्ष अमावस्या का व्रत अधिकांश लोग निर्जला रखते हैं.
पूजापाठ के बाद यथाशक्ति भोजन और वस्त्र आदि का दान अवश्य करें.