इस समय मार्गशीर्ष माह चल रहा है. मार्गशीर्ष अमावस्या का पर्व मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाते हैं. मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, उसके बाद सूर्य देव, भगवान श्रीकृष्ण और पितरों की पूजा करते हैं. मार्गशीर्ष अमावस्या को पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, दान आदि करते हैं, उनकी कृपा से व्यक्ति के दुख दूर होते हैं. पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. पितर खुश होकर आशीर्वाद देते हैं, जिससे परिवार की उन्नति होती है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि मार्गशीर्ष अमावस्या कब है? मार्गशीर्ष अमावस्या पर स्नान और दान का मुहूर्त क्या है? पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध आदि का समय क्या है?
किस दिन है मार्गशीर्ष अमावस्या 2024?
पंचांग के अनुसार, इस साल 30 नवंबर शनिवार को सुबह 10 बजकर 29 मिनट से मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरूआत हो रही है. इस तिथि का समापन 1 दिसंबर रविवार को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर होगी. उदयातिथि के अनुसार, इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या 1 दिसंबर रविवार को है.
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सुकर्मा योग में मार्गशीर्ष अमावस्या 2024
इस बार मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सुकर्मा योग बन रहा है. उस दिन सुकर्मा योग प्रात:काल से लेकर शाम को 4 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. उसके बाद धृति योग होगा. सुकर्मा योग में आप शुभ कार्य कर सकते हैं. मार्गशीर्ष अमावस्या को अनुराधा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर दोपहर 2 बजकर 24 मिनट तक है, उसके बाद से ज्येष्ठा नक्षत्र है.
मार्गशीर्ष अमावस्या मुहूर्त 2024
1 दिसंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 05:08 ए एम से 06:02 ए एम तक है. उस दिन का शुभ मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त दिन में 11 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक है. उस दिन राहुकाल शाम को 4 बजकर 5 मिनट से शाम 5 बजकर 24 मिनट तक है. इस समय में शुभ कार्यों को करना वर्जित होता है.
मार्गशीर्ष अमावस्या स्नान-दान समय 2024
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन आप ब्रह्म मुहूर्त से स्नान और दान कर सकते हैं. इस दिन आप सुकर्मा योग में स्नान, दान, पूजा पाठ कर सकते हैं.
मार्गशीर्ष अमावस्या 2024 पितरों के तर्पण का समय
मार्गशीर्ष अमावस्या पर जब आप स्नान करें, उसके बाद ही अपने पितरों को ध्यान करके उनके लिए जल, काले तिल से तर्पण करें. तर्पण के लिए कुशा के पोरों का उपयोग करें.
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मार्गशीर्ष अमावस्या पर श्राद्ध, पिंडदान समय
इस दिन आप अपने पितरों के लिए श्राद्ध, पिंडदान आदि का कार्य दिन में 11 बजे के बाद से कर सकते हैं. दोपहर में 3 बजे तक यह कार्य किया जा सकता है.
मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन व्रत रखकर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें. अमावस्या की रात माता लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख और समृद्धि आती है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करें. पितरों के देव आर्यमा की पूजा करें. पितरों के आत्मा को शांति मिलेगी, श्रीहरि की कृपा से वे मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 19, 2024, 09:00 IST