Monday, October 21, 2024
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महालक्ष्मी व्रत का शुभारंभ, कंगाली और धन संकट होगा दूर, सुख-समृद्धि से भर जाएगा घर! जानें मुहूर्त, पूजा विधि

महालक्ष्मी व्रत का शुभारंभ आज 11 सितंबर बुधवार से हुआ है. महालक्ष्मी व्रत के दिन 3 शुभ योग बने हैं. इस दिन रवि योग, प्रीति योग और आयुष्मान् योग है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार महालक्ष्मी व्रत का शुभारंभ भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होता है और इसका समापन आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी ति​थि को होता है. तिथि के आधार पर यह व्रत 16 तिथियों तक या ​दिन के हिसाब से 14 या 16 दिन का होता है. इस व्रत में माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा करते हैं. इससे खुश होकर माता लक्ष्मी अपने भक्तों की कंगाली और धन संकट को दूर करती हैं. उनके घर को सुख, समृद्धि और वैभव से भर देती हैं. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी से जानते हैं महालक्ष्मी व्रत के मुहूर्त, समापन तारीख और महत्व के बारे में.

महालक्ष्मी व्रत 2024 शुभारंभ
पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद शुक्ल अष्टमी ति​थि का प्रारंभ 10 सितंबर को रात 11 बजकर 11 मिनट से हुआ है, यह तिथि आज 11 सितंबर बुधवार को रात 11 बजकर 46 मिनट पर खत्म होगी. ऐसे में उदयाति​थि के अनुसार, महालक्ष्मी व्रत का प्रारंभ आज से हुआ है.

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महालक्ष्मी व्रत 2024 मुहूर्त
महालक्ष्मी व्रत की पूजा आपको प्रदोष काल में करनी चाहिए. सूर्यास्त के बाद से प्रदोष काल शुरू होता है. आज सूर्यास्त 06:31 बजे होगा. अंधेरा होने के बाद आपको महालक्ष्मी व्रत की पूजा करनी चाहिए. महालक्ष्मी व्रत की पूजा के समय आयुष्मान योग और ज्येष्ठा नक्षत्र है.

आज शुभ-उत्तम मुहूर्त 07:57 पी एम से 09:24 पी एम तक है, अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त 09:24 पी एम से 10:51 पी एम तक है. निशिता मुहूर्त 11:54 पी एम से देर रात 12:41 बजे तक है.

रवि योग में महालक्ष्मी व्रत 2024
महालक्ष्मी व्रत का शुभारंभ रवि योग में हो रहा है. रवि योग आज रात 9 बजकर 22 मिनट से कल सुबह 6 बजकर 5 मिनट तक है. महालक्ष्मी व्रत के पहले दिन प्रीति योग सुबह से लेकर रात 11:55 बजे तक है, उसके आयुष्मान होगा.

महालक्ष्मी व्रत 2024 पूजा विधि
शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी की मूर्ति की स्थापना पूजा घर में कर लें. कलश स्थापना करें. माता लक्ष्मी को लाल फूल, कमल के फूल, कमलगट्टा, अक्षत्, लाल सिंदूर, धूप, दीप, गंध, नैवेद्य आदि अर्पित करके पूजा करें. पूजा में शंख और पीले रंग की कौड़ियों का उपयोग करें. देवी लक्ष्मी को खीर, दूध से बनी सफेद मिठाई, बताशा आदि का भोग लगाएं. लक्ष्मी चालीसा और महालक्ष्मी व्रत कथा पढ़ें. उसके बाद घी के दीपक से लक्ष्मी जी की आरती करें. पूजा के समापन पर माता लक्ष्मी से धन और वैभव की प्राप्ति की प्रार्थना करें.

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महालक्ष्मी व्रत 2024 समापन
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, महालक्ष्मी व्रत का समापन आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि को होगा. पंचांग अनुसार, आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि 24 सितंबर को दोपहर 12:38 बजे से 25 सितंबर को दोपहर 12:10 बजे तक है. प्रदोष काल के आधार पर महालक्ष्मी व्रत का समापन 24 सितंबर मंगलवार को पूर्ण होगा. इस तरह से इस साल महालक्ष्मी व्रत 14 दिनों का है.

महालक्ष्मी व्रत के फायदे
जिन लोगों को धन, सं​पत्ति, वैभव, सुख, समृद्धि आदि की चाह होती है, उनको महालक्ष्मी व्रत करना चाहिए. महालक्ष्मी व्रत आपको 14 दिनों तक करना होगा. इस व्रत को करने से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है. आर्थिक संकट दूर होगा.

Tags: Dharma Aastha, Religion


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