Tuesday, December 17, 2024
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Maa Kalratri Upay: आज महासप्तमी पर करें ये खास काम, साढ़ेसाती और ढैय्या से मिलेगी राहत

Maa Kalratri Upay: नवरात्री के सातवे दिन मां कालरात्रि का पूजन कैसे करे इसको लेकर बताएंगे इनके पूजा करने का कई विधान है कालरात्रि का मतलब होता है काल को अंत करनेवाली माता को कालरात्रि के नाम से जाना जाता है इन्होने पृथ्वी पर काल यानि डर जो बना हुआ था उसको मां कालरात्रि ने समाप्त किया. मां कालरात्रि के पूजन करने से वयोक्ति के जीवन में रात्रि या अंधकार भय तथा अशुभ ग्रहों के दोष बना हुआ है. वह दूर होता है एक और भक्तो को कष्ट दूर करती है तथा अपने भक्तो को अभय देती है. देवी भागवत पुराण के अनुसार शुंभ निशुंभ तथा रक्तबीज नाम के राक्षस ने स्वर्ग लोक में त्राहिमाम मचा दिया था. उनके प्रकोप से सभी लोग डर गए थे. तब सभी देवता मिलकर कैलाश पर्वत पर भगवान शिव से सहायता मांगने के लिए गए तब भगवान शिव ने माता पार्वती से देवताओं की रक्षा करने का अनुरोध किया, तब दुर्गा माता अपने तेज प्रभाव रूप को प्रगट किया और शुंभ निशुम्भ से रक्षा करने का वचन दिया.

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माता का स्वरूप

मां दुर्गा का सातवा रूप कालरात्रि के नाम से जाना जाता है,यह माता अपना भयंकर रूप लिए रहती है रक्तबीज का वध करने के बाद उनके शारीर का सभी खून पी लेती है. क्योंकी उनका खून अगर पृथ्वी गिरता था दूसरा राक्षस का जन्म हो जाता था।इसलिए माता उनका खून पी जाती है.इसका स्वरूप एकदम काला है इनके पूजन से दोष मुक्त रहते है.रात्रि के समान भयंकर रूप है इनकी चार भुजा है अपने भुजा से राक्षस का नाश करती है. इनके तीन नेत्र है इनका बाल खुला रहता है, इनके गले में बिजली जैसी चमकती है गधे पर सवार होती है .

आराधना तथा महत्व

मां कालरात्रि के आराधना करने शत्रु से मुक्ति मिलती है.धन का लाभ होता है वयोक्ति कालरात्रि के पूजन करने से भय से मुक्त होते है कालरात्रि के मंत्र का जाप करे इनके जाप से बिमारी भी दूर होता है.इनके पूजन करते समय रातरानी का फुल चढ़ाए इनको बहुत प्रिय है.

नवरात्रि के सातवें दिन लगाएं यह भोग

नवरात्रि के सातवें दिन माता का भोग जो सबसे प्रिय है उसको प्रसाद के रुप में चढ़ाए जिसे मां जल्द प्रसन्न होती है. मां कालरात्रि के पूजन में प्रसाद के रूप में गुड से बनी हुई वस्तुएं बहुत प्रिय है.या गुड का भोग लगाने से माता प्रसन्न होती है.

कालरात्रि किस ग्रह का संचालन करती है ?

मां कालरात्रि शनि ग्रह को नियंत्रण करती है.वयोक्ति के ऊपर शनि के साढ़ेसाती या ढैया से परेशान है.जन्मकुंडली में शनि अशुभ है या नीच के है नवरात्रि के सातवे दिन कालरात्रि के पूजन करने से शनि दोष दूर होता है.

नवरात्रि के सातवें दिन के टोटका

आपकों सपना बार -बार अशुभ दिखाई दे रहा है या मन में भय बन गया हो आप नवरात्रि के सातवे दिन लाल वस्त्र धारण करके ऊं कालरात्रि नमः का मंत्र एक माला जाप करे.बुरे सपने दूर होंगे.

जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847


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