Maa Baglamukhi Jayanti 2024: अक्सर लोग एक-दूसरे से बात करते हुए इस बात का जिक्र करते हैं कि ‘भगवान कभी कोर्ट कचहरी के चक्कर न कटवाए. लेकिन कई बार हमारे ग्रहों की दशा कुछ ऐसी उलट-फेर करती है कि न चाहते हुए भी वकीलों की फीस और कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़ते हैं. आप भी अगर ऐसी ही किसी परेशानी से जूझ रहे हैं तो आने वाली 15 मई यानी कल का दिन आपके लिए बहुत अहम है. सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी का कहना है कि जो लोग हर समय शत्रुओं से घिरे रहते हैं या फिर कोर्ट कचहरी में केसों से मुक्ति नहीं मिल रही है. ऐसे लोग 15 मई को माता बगलामुखी जयंती पर पीले कपड़े में लिपटे नारियल को चढाएं. ये एक नारियल उन्हें इन सारी परेशानियों से मुक्ति दिला सकता है.
ज्योतिष गुरू प्रदुमन सूरी बताते हैं कि नारियल चढ़ाने के बाद में इस नारियल को बहती हुई नदी में बहा दें. ऐसा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. मां बगलामुखी जयंती हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है और इस बार बगलामुखी जयंती 15 मई यानी बुधवार को है. महादेव के दस रुद्र अवतारों में से आठवें बग्लेश्वर रुद्रावतार को बगलामुख नाम से भी जाना जाता है. इनका स्वरूप पीला है और इस अवतार की शक्ति देवी बगलामुखी हैं. मां बगलामुखी के नाम का अर्थ है, जीभ पर कड़ी पकड़ होना है. इसलिए मां बगलामुखी को वाक्-सिद्धि की देवी भी कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है “वाणी की सिद्धि’.
तंत्र-मंत्र की देवी हैं मां बगलामुखी
दस महाविद्याओंं में अष्टम स्वरूप मां बगलामुखी का ही है. मां बगलामुखी को तंत्र की देवी माना जाता है. माता हल्दी के रंग वाले जल से प्रकट हुई थीं इसलिए इन्हें पीताम्बर देवी भी कहा जाता है. मां बगलामुखी अपने भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और उनके बुरी शक्तियों का नाश करती हैं. देवी की पूजा खासतौर पर कोर्ट-कचहरी और शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए की जाती है. कहा जाता है कि सतयुग में एक बार भीषण तूफान उठा. इसके संभावित खतरों को भांपकर और भगवान विष्णु ने सृष्टि को बचाने के लिए हरिद्रा यानि हल्दी के रंग वाले सरोवर किनारे तपस्या की. इसी सरोवर से माता बगलामुखी ने प्रकट होकर तूफान को रोक दिया था.
यह रहेगा शुभ मुहूर्त
वैशाख शुक्ल अष्टमी का आरंभ : 15 मई प्रातः 4:12 बजे.
वैशाख शुक्ल अष्टमी का समापन : 16 मई सुबह 6 बजे
सर्वार्थ सिद्धि योग : 14 मई दोपहर 1:05 बजे से लेकर 15 मई प्रातः 5:46 बजे.
ऐसे करें मां की पूजा
– एक समय बिना शक्कर, नमक के उपवास रखें, या केवल फलहार पर ही रहे.
– मां बगलामुखी को पीला रंग अति प्रिय हैं. बगलामुखी जयंती के दिन मां को पीले रंग के कपड़े, फूल या मिठाई अर्पित करना शुभ होता है.
– मां बगलामुखी पर पीले पुष्प अर्पण किये जाते हैं. स्वयं भी पूजा में पीले वस्त्र पहनें.
– शुभ मुहूर्त में देवी बगलामुखी की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें. पूजा में कच्ची हल्दी का भी उपयोग करें. हल्दी की माला से मां बगलामुखी के मंत्र का जाप कर सकते हैं.
– देवी को पीली हल्दी के ढेर पर दीप-दान करना चाहिए. देवी की मूर्ति पर पीला वस्त्र चढ़ाने से हर बाधा दूर हो जाती है.
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FIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 06:39 IST