Lucky Plants For Home: वैदिक ज्योतिष में 27 नक्षत्रों की चर्चा है.जैसे हर ग्रहों का अपना फल होता है. इसी तरह हर नक्षत्र का भी अपना फल होता है.क्योंकि हर ग्रह किसी ना किसी नक्षत्र में होता है, जिस नक्षत्र में वह होता है,उस नक्षत्र का एक स्वामी होता है. इसमें हम इस प्रकार से समझ सकते हैं कि यदि किसी व्यक्ति का चन्द्रमा मूल नक्षत्र में है, और उसके मूल नक्षत्र का स्वामी केतु है, हम ये कह सकते हैं कि चन्द्रमा केतु के नक्षत्र में है. इससे हमें सटीक फल प्राप्त होगा.
ऐसे जानें जातक का जन्म नक्षत्र
किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में चन्द्रमा जिस भी नक्षत्र में होगा, वही उस जातक का जन्म नक्षत्र होगा.जन्म कुंडली से ही हम हर व्यक्ति के जीवन के संबंध में जान पाते हैं. हम यह जान पाते हैं कि जातक किस प्रकार की समस्या से जूझ रहा है. फिर हम उसका निराकरण ज्योतिष शास्त्र के सहारे करते हैं.
Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में जानें श्राद्ध का मुहूर्त, कैसे करें पितरों का तर्पण
सत्ताईस नक्षत्र के अपने वृक्ष होते हैं
लगभग अधिकतर कुंडलियों में कोई न कोई दोष होता है, जिससे जातक के जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते है. आपको आज हम एक ऐसा उपाय बताने जा रहे हैं, जो पर्यावरण में तो सहायक है ही, साथ ही वह आपके जीवन में ढाल बनकर आपकी रक्षा भी करता है. सभी सत्ताईस नक्षत्र के अपने वृक्ष होते हैं. अपने जन्म नक्षत्र के अनुसार आपको अपना पौधा जमीन में रोपित करके उसे सिंचित करके अपनी समस्याओं को दूर कर सकते हैं.
नक्षत्रों से संबंधित वृक्ष
अश्विनी नक्षत्र का वृक्ष- केला, आक, धतूरा.
भरणी नक्षत्र का वृक्ष केला, आंवला.
कृत्तिका नक्षत्र का वृक्ष गूलर.
रोहिणी नक्षत्र का वृक्ष जामुन.
मृगशिरा नक्षत्र का वृक्ष खैर.
आर्द्रा नक्षत्र का वृक्ष आम, बेल.
पुनर्वसु नक्षत्र का वृक्ष बांस.
पुष्य नक्षत्र का वृक्ष पीपल.
चित्रा नक्षत्र का वृक्ष बेल.
स्वाति नक्षत्र का वृक्ष अर्जुन.
विशाखा नक्षत्र का वृक्ष नीम
धनिष्ठा नक्षत्र का वृक्ष शमी और सेमर.
शतभिषा नक्षत्र का वृक्ष कदम्ब.
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का वृक्ष आम.
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र का वृक्ष पीपल और सोनपाठा.
रेवती नक्षत्र का वृक्ष महुआ.
अनुराधा नक्षत्र का वृक्ष मौलसिरी.
ज्येष्ठा नक्षत्र का वृक्ष रीठा.
मूल नक्षत्र का वृक्ष राल का पेड़.
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का वृक्ष मौलसिरी/जामुन.
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का वृक्ष कटहल.
श्रवण नक्षत्र का वृक्ष आक.
आश्लेषा नक्षत्र का वृक्ष नाग केसर और चंदन.
मघा नक्षत्र का वृक्ष बड़.
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का वृक्ष ढाक.
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र का वृक्ष बड़ और पाकड़.
हस्त नक्षत्र का वृक्ष रीठा.
प्रतिदिन इनकी पूजा करने या दर्शन मात्र से नक्षत्रों का दोष दूर हो जाता है.
जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847