Saturday, November 16, 2024
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LPG Cylinder News: गैस सिलेंडर दुर्घटना में मिलता है 50 लाख रुपए तक का लाभ, जानें कैसे

LPG Cylinder News: भारत में उज्‍ज्वला योजना की शुरुआत के बाद से रसोई गैस के उपभोक्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ी है. आज कल शहरों से लेकर गांव तक हर जगह लोग खाना पकाने के लिए LPG gas का उपयोग करते हैं. क्या आपको पता है कि गैस सिलेंडर से होने वाली दुर्घटना पर आपको बीमा का लाभ भी मिलता है? अधिकतर लोगों को इसके बारे में पता ही नहीं होता. इसके लिए 50 लाख तक का दुर्घटना बीमा (एक्सीडेंटल इंश्योरेंस) होता है. इसके लिए आपको कोई प्रीमियम नहीं देना होता.

मिलता है 50 लाख का एक्सीडेंटल बीमा

दरअसल, एलपीजी सिलेंडर में भरी गैस काफी ज्‍वलनशील होती है. तमाम सावधानियों के बावजूद इसके कारण होने वाले हादसों के मामले कई बार सामने आ जाते हैं. ऐसे में ग्राहक के पास इस इंश्‍योरेंस के जरिए हादसे से हुए नुकसान की भरपाई करने का अधिकार होता है. जानकारी के मुताबिक ये एक्‍सीडेंट कवर रसोई गैस कनेक्‍शन लेने वाले ग्राहक और उसके परिवार को पेट्रोलियम कंपनियों की ओर से उपलब्‍ध कराया जाता है. अधिकतम 50 लाख तक का ये कवर इंश्‍योरेंस गैस लीक होने या ब्‍लास्‍ट होने जैसे हादसों के बाद परिवार को आर्थिक मदद के तौर पर दिया जाता है.

इसके लिए आपको क्या करना होगा?

इस इंश्‍योरेंस में पूरे परिवार के लिए बीमा मिलता है जो प्रति सदस्‍य 10 लाख रुपए है. इसमें से प्रॉपर्टी के नुकसान पर, इलाज के मामले में और मृत्‍यु की स्थिति होने पर अलग-अलग रकम तय की गई है. कुल मिलाकर पूरे परिवार के लिए इंश्‍योरेंस कवर अधिकतम 50 लाख रुपए तक का है. हादसा होने पर शर्तों के साथ अधिकतम 40 लाख और सिलेंडर फटने पर मृत्‍यु की स्थिति में अधिकतम 50 लाख रुपए तक क्लेम किए जा सकते हैं.

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बीमा क्‍लेम के लिए इन शर्तों को पूरा करना जरूरी

इस बीमा को लेने के लिए कुछ जरूरी शर्तें भी होती हैं, जिन्‍हें पूरा करना बहुत जरूरी है. अगर निम्न शर्तों को पूरा कर लेते हैं, तो दुर्घटन की स्थिति में आप बीमा की राशि के हकदार बन जाते हैं.

  1. क्लेम का फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलता है, जिनके सिलेंडर का पाइप, चूल्हा और रेगुलेटर आईएसआई (ISI) मार्क का होता है. क्लेम के लिए आपको सिलेंडर और स्टोव का रेगुलर चेकअप कराते रहना चाहिए.
  2. इसके अलावा कस्टमर को दुर्घटनाग्रस्त होने के 30 दिनों के अंदर ही अपने ड्रिस्ट्रीब्यूटर और पुलिस स्टेशन में दुर्घटना के बारे में सूचना देनी होती है.
  3. क्‍लेम के दौरान हादसे की एफआईआर की कॉपी, मेडिकल की रसीद, हॅास्पिटल का बिल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और डेथ सर्टिफिकेट जैसे डॉक्‍यूमेंट्स की जरूरत पड़ती है. ये सभी डॉक्‍यूमेंट्स आपके पास होने जरूरी हैं.
  4. आप इस पॉलिसी में किसी को नॉमिनी नहीं बना सकते. मुआवजा राशि तभी दी जाएगी, जब हादसा किसी रजिस्‍टर्ड निवास पर हुआ हो.
  5. अगर आप इंश्‍योरेंस की इन सभी शर्तों को पूरा करते हैं, तो हादसे की स्थिति में आप इंश्‍योरेंस क्‍लेम कर सकते हैं. इंश्‍योरेंस क्‍लेम के दौरान आपका डिस्ट्रीब्यूटर ऑयल कंपनी और इंश्योरेंस कंपनी को हादसे की सूचना देता है. इसके बाद आपको इंश्‍योरेंस की रकम मिल जाती है.

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