Friday, November 22, 2024
HomeReligionकुंडली का सप्तम भाव बताता है कैसा होगा जीवनसाथी? शादी से पहले...

कुंडली का सप्तम भाव बताता है कैसा होगा जीवनसाथी? शादी से पहले ही हो जाती है भविष्यवाणी, मिलते हैं कुछ ऐसे परिणाम!

हाइलाइट्स

कुंडली के सप्तम भाव में कुछ ग्रहों होने के विपरीत परिणाम भी मिलते हैं. विवाह से पहले गुण मिलान के साथ-साथ ग्रह मिलान भी जरूर करना चाहिए.

Life Partner Prediction By Kundali : ज्योतिष शास्त्र का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व माना जाता है, क्योंकि यहीं आपकी कुंडली से जुड़ी सभी जानकारी मिलती है. वैसे तो जन्म कुंडली में कई भाव होते हैं और इनके माध्यम से आपके जीवन की कई अच्छी और बुरी घटनाओं की जानकारी मिलती है. लेकिन, इनमें सप्तम भाव, जिसे सातवां घर भी कहा जाता है काफी महत्वपूर्ण माना गया है. क्योंकि, इस घर से ही जीवनसाथी की भविष्यवाणी होती है.

भोपाल निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित योगेश चौरे के अनुसार, कुंडली के सप्तम भाव में कुछ ग्रहों होने के विपरीत परिणाम भी मिलते हैं. इसलिए कहा जाता है कि, विवाह से पहले गुण मिलान के साथ-साथ ग्रह मिलान भी जरूर करना चाहिए क्योंकि, ग्रहों का सामंजस्य ठीक नहीं होने पर वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. फिलहाल, इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं कुंडली के सातवें भाव में शुभ और अशुभ ग्रह के प्रभाव के बारे में.

यह भी पढ़ें – चंद्रमा किस घर में बनाता है कौनसा योग, क्या आपकी कुंडली में हैं ये शुभ योग? जानें इनके फायदे

-यदि आपकी कुंडली के सप्तम भाव में चंद्रमा क्षीण हो या फिर इस भाव में राहु, शनि की दृष्टि हो तो वैवाहिक जीवन के शुरुआत में ठीक, लेकिन बाद में समस्याओं की भरमार होती है.

– कुंडली के सातवें घर में जब सूर्य पूर्वी गोलार्द्ध में क्षितिज के नीचे आ जाता है. ऐसी स्थिति में जीवनसाथी से झगड़ा और यहां तक कि तलाक तक की स्थिति बन जाती है.

– बुध को नपुंसक ग्रह माना जाता है और इसलिए यदि बुध के साथ पुरुष ग्रह हो तो यह जीवन साथी के बीच संबंध तो स्थापित करने देता है लेकिन सुख के बीच रोड़ा बन जाता है.

– यदि जीवनसाथी की कुंडली के सातवें घर में मांगलिक योग बन रहा हो तो और इस घर में मंगल और शुक्र दोनों हैं तो आपके दांपत्य जीवन में कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है.

– कुंडली के सप्तम भाव में गुरु की स्थिति से सुखी वैवाहिक जीवन का संकेत मिलता है, लेकिन गुरु, शुक्र से छठे या आठवें भाव में हो तो आपके सुख में हमेशा गिरावट आती है.

यह भी पढ़ें – हथेली की रेखाएं बताती हैं शादी के बारे में, एक से अधिक विवाह के मिलते हैं संकेत, जानें रेखा से जुड़ी खास बातें

– यदि आपकी कुंडली के सातवें भाव में शनि एवं राहु की उपस्थिति है तो इससे आपके दांपत्य जीवन में बाधा आती है. यहां तक कि शनि और राहु आपके बीच तलाक भी करा सकते हैं.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular