पन्ना रत्न बुध ग्रह का है इसका स्वामी बुध है बुध वाणी व्यापार तथा बहन बुआ मौसी का कारक होते है पन्ना रत्न बुध का रत्न है यह रत्न गहरे हरा तथा हल्के हरा रंग का होता है सभी रत्नों में पन्ना को काफी महत्व दिया जाता है. क्योंकि यह अत्यंत गुणकारी रत्न है इसे धारण करने से मन में बने अशांति तथा विकलता मिटती है विधार्थी अगर इस रत्न को धारण करे तो बुद्धि तीक्ष्ण होती है,अगर रोगी है उनके लिए वलवर्धक एवं आरोग्यकारक होता है जिस घर में पन्ना रखा जाता है या रहता है वह घर धन धन धान्य से पूर्ण होता है,सुख वैभव का वृद्धि होता है पन्ना रत्न इतना लाभकारी है जिसे वयोक्ति को सुयोग्य संतान का सुख मिलता है प्रेम बाधा शांत तथा सर्प भय का नाश होता है, अगर किसी के ऊपर जादू टोन का असर ज्यादा बना हुआ है यानि नकारात्मक शक्तियां से परेशान है पन्ना रतन धारण करने से लाभ मिलता है. पन्ना रतन किसे धारण करना चाहिए किन राशियों को नहीं क्योंकि कुंडली की जांच किए बैगर इस रत्न को धारण करने से नुकसान होता है.
वृष लग्न
वृष लग्न में बुध दुसरे और पंचम भाव के स्वामी एक योग कारक ग्रह बन जाता है इस लगन के वयोक्ति पन्ना रत्न धारण करने सुख संपति,संतान मान -सम्मान यश तथा भाग्योदय प्राप्त होता है इसे अगर हीरा रत्न के साथ धारण करते है और लाभ होता है.
मिथुन लग्न
मिथुन लग्न वाले पन्ना रतन धारण करते है इन लगन को बुध चौथे भाव के स्वामी है पन्ना रतन धारण करने से कष्ट तथा विपत्ति को दूर करता है.
कन्या लग्न
कन्या लग्न में बुध लगन तथा तथा दशम भाव के स्वामी है इस लगन के वयोक्ति को शारारिक,मानसिक एवं सामाजिक तौर पर रक्षा करता है आयु में वृद्धि तथा व्योपार में उन्नति होती है.
तुला लग्न
तुला लग्न में बुध नवम भाव और दशम भाव का स्वामी होते है द्वादश भाव में बुध की त्रिकोण का स्वामी होने के कारण बुध को तुला लगन के लिए नीच ग्रह माना जाता है तुला लगन वाले अगर हीरा के साथ पन्ना रत्न धारण करने से लाभ मिलेगा.
मकर लग्न
मकर लग्न में बुध छठा भाव के तथा नवम भाव के स्वामी होते है नवम त्रिकोण में बुध की मूल त्रिकोण राशि में कन्या होती है बुध के मित्र राशि शनि है इसलिए मकर लगन के लोगो के लिए पन्ना रतन धारण करना बहुत ही लाभकारी होता है.
कुंभ लग्न
कुम्भ लग्न में बुध पंचम त्रिकोण तथा आठवें भाव के स्वामी है इसलिए कुम्भ लगन के लिए पन्ना रतन धारण करना बहुत ही शुभ होता है बुध की महादशा में अगर पन्ना रतन धारण करे बहुत ही उत्तम लाभ होता है.
यदि जन्मकुंडली में बुध छठा भाव तथा आठवें भाव में हो पन्ना रत्न धारण करने से बहुत ही लाभकारी होता है.
यदि जन्मकुंडली में बुध उच्च के भाव 2 ,3,4,5 7,9,10 अथवा 11 भाव का स्वामी होकर छठे भाव में हो पन्ना रतन धारण करने से सभी कष्ट दूर होते है तथा लाभ मिलता है.
पन्ना रत्न धारण करने की विधि
पन्ना रत्न को दाएं हाथ की छोटी उंगली में धारण करे इसे आप चांदी या सोने की अंगूठी में पन्ना रत्न को धारण करने से पहले इसको दूध में धो ले फिर पानी से साफ करे छोटी कटोरी में दूध ले उसमे पन्ना रत्न डाल दे उसमे हल्दी, कुमकुम डाले अपने कुल देवता का पूजन करके गणेश जी के मंत्र को 108 बार पढ़े बुधवार की सुबह 10 बजे के पहले पन्ना रत्न को धारण करे.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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