Kharmas 2024: खरमास का समय 15 दिसंबर से प्रारंभ हो चुका है. यह अवधि 14 जनवरी, मंगलवार को मकर संक्रांति के दिन समाप्त होगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, खरमास एक विशेष काल है जब सूर्य धनु और मीन राशि में प्रवेश करता है. इस दौरान सूर्य की स्थिति कमजोर होती है, जिसके कारण शुभ कार्यों में रुकावट आती है. यह लगभग 30 दिनों की अवधि होती है और इसे धार्मिक साधना, पूजा, ध्यान और आत्मविश्लेषण के लिए उपयुक्त माना जाता है.
खरमास में न करें ये कार्य
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस अवधि में सूर्य देव के रथ में खर यानी गधे जुड़ जाते हैं, जिससे उनकी गति मंद हो जाती है. इसी कारण इसे खरमास कहा जाता है. यह समय अशुभ फल देने वाला माना जाता है, इसलिए खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे गृह प्रवेश, विवाह, सगाई, मुंडन, उपनयन संस्कार आदि के साथ-साथ कोई नया कार्य या व्यापार आरंभ नहीं करना चाहिए.
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करें ये कार्य
खरमास के दौरान भगवान सूर्य की पूजा अर्चना करनी चाहिए. प्रतिदिन सुबह उठकर सूर्य स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें, साथ ही मंत्र जाप करें. खरमास में जप, तप, दान आदि करने से आपके जीवन से सभी प्रकार के कष्ट समाप्त होते हैं और आपको शुभ फल की प्राप्ति होती है. इस महीने पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है, जिससे पुण्य की प्राप्ति होती है.
खरमास का महत्व
खरमास के दौरान जरूरतमंदों को दान और दक्षिणा देना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि होती है. इस समय पूजा-पाठ का विशेष ध्यान रखना चाहिए और ब्राह्मणों को भोजन कराना आवश्यक है. ऐसा करने से सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है. खरमास में गाय को हरी घास देना और मंदिर में पूजा सामग्री अर्पित करना भी शुभ माना जाता है, जिससे सूर्यदेव की कृपा बनी रहती है.