हिंदू कैलेंडर में हर साल खरमास दो बार लगता है. पहला खरमास धनु संक्रांति के समय और दूसरा खरमास मीन संक्रांति के समय लगता है. खरमास पूरे एक माह तक रहता है. इसमें मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, पहला खरमास मार्च या अप्रैल में और दूसरा खरमास नवंबर या दिसंबर में लगता है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि खरमास कब से शुरू हो रहा है?
खरमास 2024 कब से है?
दृक पंचांग के अनुसार, इस साल सूर्य देव का गोचर धनु राशि में 15 दिसंबर रविवार को रात 10 बजकर 19 मिनट पर हो रहा है. उस समय सूर्य की धनु संक्रांति होगी. इस आधार पर खरमास 15 दिसंबर से शुरू होगा. रात के समय में खरमास लग रहा है, इसलिए आप सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से पूर्व तक मांगलिक कार्य कर सकते हैं.
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शुभ योग में होगी धनु संक्रांति 2024
धनु संक्रांति के दिन शुभ योग और मृगशिरा नक्षत्र होगा. शुभ योग प्रात:काल से लेकर रात तक है, उसके बाद से शुक्ल योग होगा. मृगशिरा नक्षत्र प्रात:कान से लेकर अगले दिन 16 दिसंबर को तड़के 2 बजकर 20 मिनट तक है.
कब खत्म होगा खरमास 2024?
सूर्य देव धनु राशि में करीब 1 माह तक रहते हैं. इस वजह से खरमास भी एक माह तक होता है. सूर्य देव जब धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो उस समय खरमास का समापन होता है. नए साल 2025 में सूर्य देव मकर राशि में 14 जनवरी मंगलवार को प्रवेश करेंगे, उस दिन खरमास का समापन हो जाएगा. उसके बाद से ही मांगलिक कार्य फिर से प्रारंभ होंगे. उस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है. नए साल 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी.
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खरमास में कौन से काम नहीं करने चाहिए?
1. खरमास को अशुभ दिनों में माना जाता है, इस वजह से खरमास में विवाह नहीं करते हैं.
2. खरमास के समय में सगाई भी नहीं करते हैं.
3. खरमास में बेटी की विदाई नहीं की जाती है.
4. खरमास के दौरान मुंडन, उपनयन समेत सभी 16 संस्कार को करने पर पाबंदी होती है.
5. खरमास में न ही कोई गृह प्रवेश होता है और न ही नया मकान बनाने का काम शुरु करते हैं.
6. खरमास के समय में लोग कोई भी नया काम शुरू नहीं करते हैं. नया बिजनेस भी इस समय में प्रारंभ नहीं करते हैं.
खरमास में क्या करें?
खरमास के समय में आप दैनिक पूजा कर सकते हैं. व्रत रखने पर कोई पाबंदी नहीं होती है. वे अपने निमय के अनुसार चलते रहते हैं. आप अपने इष्ट देव की आराधना कर सकते हैं. ग्रहों की शांति के लिए मंत्र जाप आदि कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 13, 2024, 08:34 IST