Lehsunia Gemstone: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की चाल और उनकी दशा को व्यक्ति के जीवन में बेहद अहम माना गया है. ग्रहों की इस बिगड़ी चाल को सही करने का काम ज्योतिष में रत्न करते हैं. यही वजह है कि रत्नों की बड़ी अहमियत मानी गई है. आज हम आपको एक ऐसे ही रत्न के बारे में बताने जा रहे हैं जो केतु ग्रह के बुरे प्रभावों को कम करने का काम करता है. इस बेशकीमती पत्थर को ‘लहसुनिया’ कहते हैं. लहसुनिया पत्थर मटमैले से रंग का चमकीला पत्थर होता है. यह एक रत्न है और ज्योतिष शास्त्र में इसे केतु ग्रह से जोड़ कर देखा जाता है. प्रसिद्ध ज्योतिष और दस महाविद्याओं के ज्ञाता मृगेंद्र चौधरी बताते हैं, ‘अगर कुंडली में केतु उत्तम स्थिति में नहीं है, तो ऐसा व्यक्ति डरपोक और कायर बन जाता है. ये हमेशा दूसरों की आज्ञा मानता है. अपने फैसले खुद नहीं ले पाता है. साथ ही उसे कई बीमारियां भी घेर लेती हैं.’ आइए बताते हैं इसके बारे में.
केतु के बुरे प्रभावों से बचना है तो हो जाएं सतर्क
प्रसिद्ध ज्योतिष और दस महाविद्याओं के ज्ञाता मृगेंद्र चौधरी के अनुसार, अगर केतु किसी व्यक्ति के जीवन में अच्छी दशा लेकर आता है तो ऐसा व्यक्ति दिन दुगनी और रात चौगुनी, उन्नति करता है. ऐसा व्यक्ति बहुत ही आत्मविश्वास, बहादुर, पराक्रमी और मेहनती होता है. ऐसा व्यक्ति अपने लक्ष्य को जब तक पा न ले, उसके पीछे लगा ही रहता है. लेकिन अगर केतु उत्तम स्थिति में नहीं है, तो ऐसा व्यक्ति डरपोक और कायर बन जाता है. ये हमेशा दूसरों की आज्ञा मानता है. अपने फैसले खुद नहीं ले पाता है. केतु के बुरे प्रभाव झेल रहे लोगों को पैरों की समस्याओं, स्किन की बीमारी, लकवा मार जाना, पेशाब की बीमारियां, टीबी की बीमारी हो जाना, अस्थमा, ऐसी अनेक समस्याओं से पीड़ित रहता है. ऐसे व्यक्ति के ऊपर तंत्र मंत्र और जादू-टोने का असर बहुत जल्दी हो जाता है. ऐसे व्यक्ति को अक्सर कुत्ता काट लेता है. अगर केतु अष्टम स्थान में नीच का बैठा हो तो ऐसे व्यक्ति की पागल कुत्ता काटने से मृत्यु भी हो सकती है.
जीवन बर्बाद कर सकते हैं केतु के प्रभाव
अगर केतु उत्तम स्थिति में है, यानी ग्यारहवें घर में बैठा है तो बहुत धन देता है. अगर तृतीय स्थान में बैठा है तो वह उस व्यक्ति को पराक्रमी बनाता है. लग्न भाव में बैठा हुआ केतु व्यक्ति को उच्च अभिलाषी बनाता है. अगर ऐसे व्यक्तियों की केतु की दशा आ जाए, उस स्थिति में यदि केतु उत्तम स्थिति में है तो बहुत अच्छे परिणाम देगा. लेकिन अगर बुरी स्थिति में है तो व्यक्ति के जीवन को बर्बाद तक कर देता है.
केतु की बुरी स्थिति में क्या करें उपाय
– आपको केतु के बीज मंत्र का जप करना चाहिए.
– केतु को अच्छा करने के लिए भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं.
– अगर रत्नों की बात करें तो केतु का संबंध कैट्स आई यानी लहसुनिया रत्न से माना जाता है. अगर आप केतु के रतन लहसुनिया को चांदी में या फिर अष्ट धातु में जड़वाते हैं तो ये अच्छा भाव देता है. इसे सीधे हाथ की मिडिल फिंगर में शनिवार के दिन धारण करना चाहिए. इससे केतु के बुरे प्रभावों में कमी आती है.
– यदि केतु उत्तम स्थिति में नहीं है तो आप केतु के रत्न लहसुनिया का दान भी कर सकते हैं. केतु का मूलांक 7 माना जाता है, ऐसे में आपको 7 लहसुनिया का दान और 2 रंग के कंबल (सफेद और काले) का दान करना चाहिए.
– ये दान किसी भिखारी या किसी कोढ़ी को करना चाहिए. इसमें 7 लहसुनिया का दान भगवान गणेश को करना है. वहीं काला कंबल किसी कोढ़ी को करना चाहिए.
– इसके साथ-साथ भगवान शिव को अश्वगंधा अर्पित करने से भी केतु शांत हो जाता है.
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FIRST PUBLISHED : May 20, 2024, 18:41 IST