Saturday, October 19, 2024
HomeReligionKarwa Chauth 2024 Moonrise Time: रविवार को मनाया जाएगा करवा चौथ, जानें...

Karwa Chauth 2024 Moonrise Time: रविवार को मनाया जाएगा करवा चौथ, जानें झारखंड में कब होगा चांद्रोदय

Karwa Chauth 2024 Moonrise Time in Jharkhand: रविवार, 20 अक्तूबर को सुहागिन महिलाओं का प्रमुख पर्व करवा चौथ मनाया जाएगा. यह पर्व कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आयोजित होता है और इसका हिंदू धर्म में विशेष स्थान है. करवा चौथ के दिन, सुहागिन महिलाएं अपने पतियों की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए प्रातःकाल से निर्जला व्रत करती हैं. करवा चौथ उत्तर भारत में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत अब यूपी, बिहार और झारखंड में भी प्रचलित हो रहा है. आज हम आपको यहां बतानें जा रहे हैं कि रविवार 20 अक्टूबर 2024 को झारखंड के प्रमुख शहरों में चंद्रोदय कब होगा और सुहागिनें अपना करवा चौथ का व्रत कब तोड़ेगी.

Karwa Chauth 2024: जानें करवा माता के बारे में, ऐसे पड़ा करवा चौथ का नाम 

Karwa Chauth 2024: कुंवारी लड़कियां भी रख सकती है करवा चौथ का व्रत, जानें नियम

Karwa Chauth 2024 Date: कब मनाया जाएगा करवा चौथ, जानिए तारीख, पूजा का समय, महत्व समेत अन्य जानकारी

झारखंड के शहरों में इस समय दिखेगा करवा चौथ का चांद

गोड्डा- शाम 07:20 बजे
दुमका- शाम 07:25 बजे
साहेबगंज- शाम 07:21 बजे
पाकुड़-शाम 07:21 बजे
जामताड़ा-शाम 07:28 बजे
धनबाद-शाम 07:29 बजे
देवघर-शाम 07:26 बजे
बोकारो-शाम 07:31 बजे
गिरिडीह-शाम 07:29 बजे
रामगढ़-शाम 07:34 बजे
चाईबासा-शाम 07:35 बजे
खूंटी-शाम 07:35 बजे
लातेहार-शाम 07:36 बजे
रांची-शाम 07:35 बजे
लोहरदगा-शाम 07:38 बजे
कोडरमा-शाम 07:38 बजे
पूर्वी सिंहभूम-शाम 07:32 बजे
पश्चिमी सिंहभूम-शाम 07:32 बजे
हजारीबाग-शाम 07:33 बजे
गुमला-शाम 07:39 बजे
चतरा-शाम 07:35 बजे
गढ़वा-शाम 07:39 बजे
सिमडेगा-शाम 07:40 बजे
सरायकेला खरसांवा-शाम 07:34 बजे

करवा चौथ की रस्में

करवा चौथ की रस्में अनादि काल से एक जैसी ही रही हैं. और जबकि कई लोग सोचते हैं कि करवा चौथ का व्रत रखना और चांद देखना ही एकमात्र काम है, लेकिन वास्तव में रस्में सुबह जल्दी शुरू होती हैं और इसमें पूरा परिवार शामिल होता है.

चंद्रोदय और व्रत तोड़ना

दिन और व्रत का अंत तब होता है जब चांद उगता है. महिलाएँ छत पर या बालकनी में खड़ी होती हैं जहाँ से वे खुले आसमान को देख सकती हैं और चांद की पहली झलक देख सकती हैं. वे चुन्नी या छन्नी (कपड़ा या छलनी) के माध्यम से चांद को देखती हैं, और फिर छलनी से अपने पति को देखती हैं. ऐसा कहा जाता है कि यह चांद से आशीर्वाद माँगने और फिर उसे अपने पति को देने का एक तरीका है. इसके बाद, पति अपनी पत्नी को पानी का पहला घूंट और खाने का एक निवाला देता है, जो आमतौर पर मीठा होता है, और उसके व्रत का अंत होता है.


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular