Kartik Maas 2024: कार्तिक माह बहुत ही पवित्र महीना होता है. इस माह में दान पुण्य करने से सभी पाप दूर होते हैं. ऐसे तो साल में बारह महीने है सभी महीने के प्रभाव अलग अलग है. उसमें कार्तिक माह का एक अलग ही महत्व है. इस महीने में भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा किया जाता है, कहा जाता है कार्तिक महीना में माह में स्नान तथा दीप जलाने का बहुत ज्यादा महत्व है, खासकर गंगा पूजन तथा गंगा स्नान विषेश रूप से किया जाता है. इस माह में चंद्रमा अपनी प्रकाश जमीन पर सीधी प्रकाश डालता है, क्योंकि शरद ऋतु होने के कारण मौसम साफ रहता है इसलिए कार्तिक माह में चंद्रमा के द्वारा प्रसारित किरणो से निर्मल और अमृत के समान माना जाता है.
कार्तिक माह में स्नान का महत्व
कार्तिक मास में प्रातः काल में गंगा नदी में स्नान करने अनेक प्रकार के रोग से रहित होकर सुन्दर और स्वस्थ हो जाते है.कार्तिक मास में तुलसी माता का पुजन तथा उनको दीप जलाने से घर में सुख शान्ति बनी रहती है, इसलिए इस माह में घर को साफ रखना, स्वच्छ वस्त्र धारण करना, स्वस्थ्य के लिए लाभकारी होता है. कार्तिक मास में बादल पानी के रूप ले लेता है इस लिए कार्तिक में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
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कार्तिक माह के व्रत त्योहार
इस माह में पूरे महीने देव पूजन करने का प्रभधान है कार्तिक एकादशी से शादी विवाह के कार्यक्रम का आरंभ हो जाता है इस माह में भगवान धन्वंतरि समुंद्र से प्रगट हुए ,माँ लक्ष्मी समुंद्र से प्रकट हुई तथा इनका पूजा भी किया जाता है.इसके आलावा गणेश पूजा ,चित्रगुप्त पूजा ,गोबर्धन पूजा ,डाला छठ ,सप्तमी पूजा ,अक्षय नवमी ,तुलसी विवाह , देवउठान, कार्तिक पूर्णिमा के साथ कार्तिक माह का समापन होता है.
कब से आरंभ होगा कार्तिक माह ?
कार्तिक माह 17 अक्टूबर 2024 दिन गुरूवार समय सांध्य 04:55 मिनट आरंभ होगा.
कार्तिक स्नान का महत्व
कार्तिक स्नान करने से मन प्रसन्न होता है सभी पाप धुल जाते है.आत्मा शुद्ध होती है नया जीवन आरम्भ करने की प्रेरणा मिलता है इस महिना में प्रातःकाल में स्नान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते है इस महीने में विष्णु के पूजन से वयोक्ति के कष्ट दूर होता है तथा सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
कार्तिक माह में स्नान के नियम
कार्तिक स्नान करते समय कुछ महत्वपूर्ण नियम है जिसे कार्तिक स्नान करते समय इस बात को ध्यान देना बहुत जरुरी होता है.इस माह में प्रातः काल में स्नान करे, श्रद्धा भक्ति के साथ ब्रह्मचर्य का पालन करें.
पूरे माह नियमित स्नान करे संभव हो तो तालाब कुएं में या गंगा नदी में जाकर स्नान करें.
कार्तिक स्नान करते समय सात्विक भोजन करे तामसी भोजन नहीं करे,मास मछली का वर्जित रखे, मसूरदाल नहीं खाए बैगन नहीं खाएं.
इस माह में दान पुण्य करने से पाप दूर होते है इस माह को भोजन कराए जरूरतमंद लोगो को अवश्य दान करे. श्रीमद भागवत का पाठ करे.
कार्तिक मास में ब्रम्हचारी नियम का पालन करे इससे मन शुद्ध रहता है .
कार्तिक का महीना एक बहुत ही पवित्र और शुभ माह होता है. इस माह के विषय में श्रीमद भागवत में विस्तार से बताया गया है. यह माह मनुष्य और प्रकृति दोनों पर ही अपनी छाप छोड़ता है और एक दूसरे के संबंध को मजबूत भी बनाता है.
कार्तिक माह में वयोक्ति अपने रिश्तों में प्रेम और विश्व के कल्याण को अपने में समेटे हुए है कार्तिक का त्यौहार. कार्तिक माह में अन्नकूट जिसे गोवर्धन पूजा के नाम से भी जाना जाता है. प्रकृति और मानव के संबंधों के मध्य सम्मान और प्रेम को दर्शाता है. कार्तिक माह को ऐसे भी कहा जाता है इस माह में प्रकृति से हमे जीवन का हर रस-रंग मिला है उसके प्रति श्रृद्धा ओर प्रेम को दर्शाने का समय होता है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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