Kalawa Importance: मौली या कलावा सनातन धर्म में पवित्र धागा माना जाता है, जो नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाव करता है.इसे पहनने से शुभ ऊर्जा और सकारात्मकता आती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे लंबे समय तक पहनने से इसका प्रभाव कम हो सकता है? आइए, जानते हैं मौली से जुड़ी परंपराओं और सही नियमों के बारे में.
मौली को 21 दिनों से ज्यादा क्यों न पहनें?
- मौली की आध्यात्मिक ऊर्जा 21 दिनों तक प्रभावी रहती है.
- 21 दिन से ज्यादा पहनने पर इसका प्रभाव घटने लगता है.
- अगर मौली फीकी पड़ने लगे या टूटने लगे, तो यह संकेत है कि इसे हटा देना चाहिए.
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मौली को हटाने का सही तरीका
- मौली हटाने से पहले भगवान से प्रार्थना करें और आशीर्वाद मांगें.
- इसे पवित्र नदी (जैसे गंगा) में प्रवाहित करें या पीपल के पेड़ के नीचे रखें.
- इसे मंगलवार या शनिवार के दिन हटाना सबसे शुभ माना जाता है.
- पुरानी मौली हटाने के बाद नई मौली बांधें ताकि आध्यात्मिक सुरक्षा बनी रहे.
मौली पहनने के नियम
- पुरुष और कुंवारी लड़कियां: दाहिने हाथ में मौली बांधें.
- विवाहित महिलाएं: बाएं हाथ में मौली बांधें.
- मौली को गाड़ियों, तिजोरियों, और बहीखातों पर बांधने से भी शुभ माना जाता है.
- इसे घर की सजावट का हिस्सा बनाकर सकारात्मक ऊर्जा बढ़ा सकते हैं.
मौली पहनने के फायदे
- यह आध्यात्मिक ऊर्जा से जोड़ता है और सुरक्षा का अहसास दिलाता है.
- नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से बचाव करता है.
- शांतिपूर्ण संबंध बनाए रखने में मदद करता है और ध्यान केंद्रित रखने में सहायक होता है.
- मौली केवल एक धागा नहीं, बल्कि आध्यात्मिक सुरक्षा और सकारात्मकता का प्रतीक है. इसे सही नियमों और समय पर बदलते हुए पहनें ताकि इसका प्रभाव बरकरार रहे और जीवन में शुभता बनी रहे.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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