Tuesday, November 19, 2024
HomeReligionKalashtami Vrat 2024: कब है ज्येष्ठ मास का कालाष्टमी व्रत, जानें शुभ...

Kalashtami Vrat 2024: कब है ज्येष्ठ मास का कालाष्टमी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Kalashtami Vrat 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत किया जाता है. इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा की जाती है. ज्येष्ठ मास में कालाष्टमी का व्रत 30 मई को रखा जाएगा. कालाष्टमी व्रत रखने और काल भैरव की पूजा करने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं और जीवन में सुख- समृद्धि आती है तथा हर रोग-दोष का नाश हो जाता है. कालाष्टमी के दिन दान करने से पापों का नाश होता है और ग्रहों के दोषों से मुक्ति मिलती है. काल भैरव के आशीर्वाद से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस दिन खास चीजों का दान करने से वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है और प्रेम संबंध भी प्रगाढ़ होते हैं. तो आइए जानते हैं कालाष्टमी पूजा का मुहूर्त.पूजा विधि और इस दिन किन चीजों का दान करना चाहिए.

कब है ज्येष्ठ महीने की कालाष्टमी?

वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 30 मई को सुबह 11 बजकर 43 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 31 मई को सुबह 09 बजकर 38 मिनट पर होगा. कालाष्टमी के दिन निशिता मुहूर्त में काल भैरव की पूजा की जाती है, इसलिए 30 मई दिन गुरुवार को कालाष्टमी मनाई जाएगी.

पूजा का शुभ मुहूर्त
कालाष्टमी 30 मई दिन गुरुवार को मनाई जाएगी. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 32 मिनट से शाम 5 बजकर 40 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भगवान शिव के रौद्र स्वरूप काल भैरव की पूजा की जाती है. इस बार कालाष्टमी पर बव और बालव करण योग का निर्माण हो रहा है. ये योग पूजा करने के लिए शुभ माना जाता है.

कालाष्टमी पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें. मंदिर को अच्छे से साफ करके एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और इसपर भगवान काल भैरव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. भगवान के सामने सरसों तेल का दिया जलाएं और काल भैरव अष्टक का पाठ करें. फल और मिठाई अर्पित करें. अंत में काल भैरव की आरती करें. बाद में सात्विक भोजन से ही अपना व्रत खोलें.इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.

कालाष्टमी पर जरूर करें ये दान

काला तिल
काले तिल को शनि ग्रह से जुड़ा हुआ माना जाता है. शनि प्रेम और विवाह का कारक ग्रह है. काले तिल का दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं, जिससे प्रेम संबंध की बाधाएं दूर होती हैं.

उड़द दाल
उड़द की दाल को शनि ग्रह से संबंधित माना गया है. कालाष्टमी के दिन इसका दान करने से शनि देव खुश होते हैं और उनकी कृपा से प्रेम संबंध बेहतर हो जाते हैं.

चावल
कालाष्टमी का व्रत रखने के बाद चावल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है इससे प्रेम संबंधों में स्थिरता आती है.

Also Read: Apara Ekadashi 2024: अपरा एकादशी कब है 2 या 3 जून? जानें सही तिथि शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

काले वस्त्र
काला रंग भगवान शनिदेव को समर्पित है. कालाष्टमी के दिन काले रंग के कपड़े दान करने से शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और लव लाइफ में आने वाली परेशानियां दूर हो जाती हैं.

जूते
जूता दान करने से राहु दोष कम करने में मदद मिलती है. राहु दोष के कारण अक्सर लव लाइफ में बाधाएं आती हैं.

नारियल
नारियल का फल भोलेनाथ और माता पार्वती का प्रतीक माना जाता है. कालाष्टमी का व्रत रखकर नारियल का दान करने से प्रेम संबंधो में मजबूती आती है.

इस मंत्र का करें जाप
कालाष्टमी के दिन “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular