योगिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं.भगवान श्रीकृष्ण से युधिष्ठिर को योगिनी एकादशी के महत्व को बताया था.
इस साल जुलाई का पहला एकादशी व्रत योगिनी एकादशी है. हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी का व्रत रखते हैं. इस साल योगिनी एकादशी व्रत के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं. उनमें से एक योग में पूजा करने या कोई भी शुभ कार्य करने से उसका तीन गुना फल प्राप्त होता है. कहा जाता है कि योगिनी एकादशी अपने पुण्य लाभ के लिए पृथ्वी लोक पर ही नहीं, पाताल और स्वर्ग लोक में भी प्रसिद्ध है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि जुलाई का पहला एकादशी व्रत कब है? योगिनी एकादशी व्रत की पूजा का मुहूर्त, पारण समय और महत्व क्या है?
किस दिन है जुलाई की पहली एकादशी?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 1 जुलाई दिन सोमवार को सुबह 10 बजकर 26 मिनट से आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ होता है. यह तिथि 2 जुलाई दिन मंगलवार को सुबह 08 बजकर 44 मिनट तक मान्य रहेगी. ऐसे में व्रत के लिए मान्य उदयातिथि के आधार पर योगिनी एकादशी व्रत यानी जुलाई की पहली एकादशी 2 जुलाई को है.
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योगिनी एकादशी 2024 मुहूर्त
जिन लोगों को योगिनी एकादशी का व्रत रखना है, वे 2 जुलाई को सुबह में स्नान के बाद व्रत और पूजा का संकल्प करके उपवास प्रारंभ करें. फिर वे सुबह 05:27 बजे के बाद से दिन में कभी भी भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं, हालांकि सुबह 08:42 ए एम से विष्णु पूजा के लिए शुभ फलदायी समय है.
2 शुभ योग में योगिनी एकादशी 2024
इस साल की योगिनी एकादशी 2 शुभ योग में पड़ रही है. योगिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग 2 जुलाई को सुबह 05:27 बजे से अगले दिन 3 जुलाई को प्रात: 04:40 बजे तक है. वहीं त्रिपुष्कर योग 2 जुलाई को सुबह 08:42 एएम से 3 जुलाई को 04:40 एएम तक है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग में किया गया कार्य सफल सिद्ध होता है. वहीं त्रिपुष्कर योग में पूजा-पाठ, दान, यज्ञ या कोई अन्य शुभ कार्य करने से तीन गुना फल प्राप्त होता है. त्रिपुष्कर योग में योगिनी एकादशी व्रत की पूजा करना अच्छा रहेगा.
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योगिनी एकादशी 2024 पारण समय
जो लोग 2 जुलाई को व्रत रखेंगे, वे अगले दिन 3 जुलाई को पारण करके व्रत को पूरा करेंगे. पारण का समय सुबह 05:28 बजे से सुबह 07:10 बजे के मध्य है. उस दिन द्वादशी का समापन 07:10 एएम पर होगा.
योगिनी एकादशी का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, योगिनी एकादशी के दिन व्रत और विष्णु पूजा करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है. उसके सभी पाप मिट जाते हैं. उसे श्रीहरि के लोक में स्नान मिलता है. वह जीव जीवन और मरण के चक्र से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त कर लेता है. भगवान श्रीकृष्ण से युधिष्ठिर को योगिनी एकादशी के महत्व को बताया था. जो इस व्रत को करता है, उसे पृथ्वी पर सभी तरह के भोग प्राप्त होते हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 22, 2024, 08:45 IST