Sunday, October 20, 2024
HomeReligionकब है निर्जला एकादशी? पूरे साल क्यों रहता है इसका इंतजार? भीमसेन...

कब है निर्जला एकादशी? पूरे साल क्यों रहता है इसका इंतजार? भीमसेन ने भी रखा था यह एक मात्र व्रत

निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी ति​थि को रखा जाता है. यह एक ऐसा व्रत है, जिसका इंतजार लोगों को पूरे साल रहता है. निर्जला एकादशी का व्रत 5 पांडवों ने रखा था. कहा जाता है कि भीमसेन को सबसे अधिक भूख लगती थी और वे उपवास नहीं कर सकते थे, लेकिन उन्होंने भी निर्जला एकादशी का व्रत एक बार रखा था. इस वजह से निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी या पांडव एकादशी भी कहते हैं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि निर्जला एकादशी कब है? निर्जला एकादशी व्रत और पूजा का मुहूर्त क्या है? निर्जला एकादशी का व्रत का महत्व क्या है?

किस दिन है निर्जला एकादशी?
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 17 जून को 04:43 ए एम से शुरू हो रही है. यह तिथि 18 जून को सुबह 07:28 ए एम पर खत्म होगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून को रखा जाएगा.

ये भी पढ़ें: 31 मई से इन 5 राशिवालों की बढ़ सकती हैं मुसीबतें, बुध गोचर से बढ़ेंगे शत्रु, कर्ज, खराब सेहत करेगी परेशान!

निर्जला एकादशी 2024 मुहूर्त
निर्जला एकादशी का व्रत रखने वाले लोगों को सूर्योदय के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें. उस दिन सुबह में ही शिव योग बन रहा है, जो रात 09:39 पी एम तक है. यह शुभ योग है. उसके बाद से सिद्ध योग बनेगा.

निर्जला एकादशी 2024 पारण समय
जो लोग 18 जून को निर्जला एकादशी का व्रत रखेंगे, वे 19 जून को पारण करके व्रत को पूरा करेंगे. उस दिन निर्जला एकादशी व्रत के पारण का समय सुबह 05:24 ए एम से 07:28 ए एम के बीच है. 07:28 ए एम के बाद से द्वादशी समाप्त हो जाएगी.

निर्जला एकादशी व्रत के फायदे
निर्जला एकादशी का व्रत बिना अन्न और जल के रखा जाता है. य​ह व्रत साल में एक बार होता है. जो व्यक्ति पूरे वर्ष के 24 एकादशी व्रत नहीं रख सकता, उसे निर्जला एकादशी का व्रत जरूर रखना चाहिए. इससे आपको सभी एकादशी व्रतों का पुण्य प्राप्त होगा. आपके पाप और कष्ट मिटेंगे. भगवान विष्णु की कृपा से आपको मोक्ष प्राप्त हो सकता है.

ये भी पढ़ें: कब है ज्येष्ठ अमावस्या? उस दिन 1 नहीं 5 व्रत-पर्व, पितरों के साथ शनिदेव भी होंगे प्रसन्न, जानें तारीख, मुहूर्त

निर्जला एकादशी व्रत का महत्व
वेद व्यास जी के सुझाव पर भीमसेन ने निर्जला एकादशी व्रत रखा था. यह उनके लिए बड़ा ही कठिन था क्योंकि वे भूखे नहीं रह सकते थे. लेकिन नरक में जाने के डर से उन्होंने वेद व्यास जी से सुझाव मांगा था. निर्जला एकादशी के दिन व्रत रखकर सभी पापों से मुक्त हो सकते हैं और अंत में स्वर्ग की प्राप्ति होती है.

Tags: Dharma Aastha, Lord vishnu, Nirjala Ekadashi, Religion


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular