Monday, October 21, 2024
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कब है कर्क संक्रांति? किस समय है महा पुण्य काल? जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, महत्व

सूर्य देव जिस समय में जिस राशि में गोचर करते हैं, उस समय उस राशि से संबंधित सूर्य की संक्रांति होती है. राशि चक्र में 12 राशियां हैं, सूर्य देव क्रमश: मेष से लेकर मीन राशि में गोचर करते हैं. सूर्य देव अभी मिथुन राशि में हैं, कुछ समय बाद वे निकलकर जब कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, उस समय सूर्य की कर्क संक्रांति होगी. इन सभी संक्रांति में मकर संक्रांति काफी लोकप्रिय है. संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, उसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान करते हैं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते ​हैं कि इस साल कर्क सं​क्रांति कब है? कर्क संक्रांति का महा पुण्य काल और पुण्य काल कब है? स्नान और दान का समय क्या है?

कब है कर्क संक्रांति 2024?
वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, सूर्य देव 16 जुलाई दिन मंगलवार को सुबह में 11 बजकर 29 मिनट पर कर्क राशि में गोचर करेंगे. उस समय पर सूर्य की कर्क संक्रांति होगी. सूर्य की कर्क संक्रांति के समय शुभ योग, रवि योग और विशाखा नक्षत्र है.

रवि योग 05:34 ए एम से अगले दिन 17 जुलाई को 02:14 एएम तक है, वहीं शुभ योग 07:19 ए एम से पूर्ण रात्रि तक होगा. विशाखा नक्षत्र प्रात:काल से देर रात 02:14 ए एम तक है.

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कर्क संक्रांति 2024 महा पुण्य काल
16 जुलाई को कर्क संक्रांति के दिन महा पुण्य काल 02 घण्टे 18 मिनट तक है. उस दिन महा पुण्य काल सुबह 09 बजकर 11 मिनट से 11 बजकर 29 एएम तक है.

कर्क संक्रांति 2024 पुण्य काल
कर्क संक्रांति के दिन पुण्य काल 5 घंटे 55 मिनट तक है. इसका प्रारंभ महा पुण्य काल से पहले ही होगा, लेकिन समापन उसके साथ ही होगा. कर्क संक्रांति का पुण्य काल प्रात:काल में 5 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और दिन में 11 बजकर 29 मिनट पर खत्म होगा.

कर्क संक्रांति 2024 स्नान और दान का समय
कर्क संक्रांति के दिन सुबह में उठकर नित्यकर्म से मुक्त हो जाएं. उसके बाद महा पुण्य काल में यानी सुबह 09 बजकर 11 मिनट से स्नान करें. इसके लिए आप किसी पवित्र नदी में जा सकते हैं या फिर घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं. उसके बाद साफ कपड़े पहनकर सूर्य देव की पूजा करें और अर्घ्य दें. सूर्य पूजा से बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान पुण्य करें.

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संक्रांति का महत्व
संक्रांति के अवसर पर सूर्य देव की पूजा करने, स्नान और दान करने से भाग्य मजबूत होगा. कुंडली का सूर्य दोष दूर होगा. स्नान और दान करने से पाप मिटते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है.

Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion


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