ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होता है. लेकिन कई बार तिथि के समय के कारण ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत पहले और ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान-दान उसके बाद दूसरे दिन होता है. ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत की तारीख का निर्धारण पूर्णिमा तिथि में होने वाले चंद्रोदय पर निर्भर करता है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं और कथा सुनते हैं. इसके अलावा रात में चंद्रमा और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत कब है? ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान और दान किस दिन होगा? ज्येष्ठ पूर्णिमा का मुहूर्त और चंद्रोदय समय क्या है?
कब है ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 21 जून शुक्रवार को प्रात: 07 बजकर 31 मिनट से प्रारंभ होगी और यह तिथि 22 जून शनिवार को प्रात: 06 बजकर 37 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के आधार पर ज्येष्ठ पूर्णिमा 22 जून को है.
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ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत 2024 की तारीख
ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 21 जून को रखा जाएगा क्योंकि उस दिन ही पूर्णिमा तिथि में चंद्रमा का उदय होगा. ऐसे में पूर्णिमा व्रत रखकर चंद्रमा की पूजा 21 जून की रात होगी. तभी यह व्रत पूरा होगा.
किस दिन है ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान-दान?
इस साल ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान और दान 22 जून शनिवार को किया जाएगा. ज्येष्ठ पूर्णिमा के स्नान और दान के लिए पूर्णिमा तिथि में सूर्योदय का होना जरूरी माना जाता है. 22 जून को सूर्योदय 05:24 ए एम पर होगा.
ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024 चंद्रोदय समय
21 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात चंद्रमा का उदय 07:04 पी एम पर होगा और चंद्रमा का अस्त 22 जून को 05:11 ए एम पर होगा.
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ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भ्रदा का साया
इस साल की ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भद्रा का साया है. भद्रा सुबह 07:31 ए एम से शाम 07:08 पी एम तक है. हालांकि इस भद्रा का वास स्वर्ग में है. स्वर्ग में भद्रावास 07:31 ए एम से 06:19 पी एम तक है, उसके बाद 06:19 पी एम से शाम 07:08 पी एम तक पाताल लोक में होगा.
ज्येष्ठ पूर्णिमा का महत्व
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली का चंद्र दोष दूर होता है. जीवन में सुख और समृद्धि आती है. इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन करने से परिवार में सुख और शांति आती है. रात के समय में माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन और वैभव बढ़ता है. दान करने से चंद्रमा का शुभ प्रभाव प्राप्त होता है.
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FIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 09:44 IST