Saturday, November 23, 2024
HomeReligionकब है ज्येष्ठ अमावस्या? उस दिन 1 नहीं 5 व्रत-पर्व, पितरों के...

कब है ज्येष्ठ अमावस्या? उस दिन 1 नहीं 5 व्रत-पर्व, पितरों के साथ शनिदेव भी होंगे प्रसन्न, जानें तारीख, मुहूर्त

ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को ज्येष्ठ अमावस्या के नाम से जानते हैं. ज्येष्ठ अमावस्या का दिन बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि इसका संबंध शनि देव, पितरों की पूजा, स्नान-दान और देवी सावित्री से है. इस बार की ज्येष्ठ अमावस्या पर शिववास भी होगा, जो रुद्राभिषेक के लिए महत्वपूर्ण होता है. ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और उसके बाद दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. पितरों के निमित्त किया गया दान पुण्य कल्याणकारी होता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि ज्येष्ठ अमावस्या कब है? ज्येष्ठ अमावस्या के दिन कौन कौन से व्रत-पर्व हैं? ज्येष्ठ अमावस्या का मुहूर्त क्या है?

कब है ज्येष्ठ अमावस्या 2024?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या की तिथि 5 जून गुरुवार को शाम 07:54 पी एम से प्रारंभ होगी और यह 6 जून को 06:07 पी एम पर खत्म होगी. उदयातिथि के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून को होगी.

ज्येष्ठ अमावस्या 2024 स्नान-दान मुहूर्त
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:02 ए एम से 04:42 ए एम तक है. ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और दान करना उत्तम माना जाता है. इसके अलावा आप सूर्योदय बाद यानी 05:23 ए एम के बाद भी कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: जून में शुक्र, शनि समेत 5 बड़े ग्रह करेंगे हलचल, 5 राशिवालों का पलटेगा भाग्य, पूरे होंगे मन के हर अरमान!

ज्येष्ठ अमावस्या पर 5 व्रत और पर्व
1. शनि जयंती
सूर्य पुत्र शनि देव का जन्म ज्येष्ठ अमावस्या तिथि को हुआ था. इस वजह से ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है. इस दिन शनि महाराज की पूजा करते हैं और उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाते हैं. ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि देव को प्रसन्न करके मनचाही मुराद पा सकते हैं.

2. वट सावित्री व्रत
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ही अखंड सौभाग्य प्रदान करने वाला वट सावित्री व्रत होता है. इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़, सत्यवान और देवी सावित्री की पूजा की जाती है.

3. ज्येष्ठ अमावस्या
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन सुबह में स्नान और दान करना चाहिए. उसके बाद अपने पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध, पंचबलि कर्म आदि करते हैं. इससे पितर खुश होकर आशीर्वाद देते हैं. पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.

ये भी पढ़ें: 31 मई से इन 5 राशिवालों की बढ़ सकती हैं मुसीबतें, बुध गोचर से बढ़ेंगे शत्रु, कर्ज, खराब सेहत करेगी परेशान!

4. रोहिणी व्रत
इस बार ज्येष्ठ अमावस्या के दिन रोहिणी व्रत है. जैन धर्म से संबंधित महिलाएं व्रत रखकर भगवान वासुपूज्य की पूजा करती हैं. यह व्रत 3, 5 या 7 साल तक करना होता है. उसके बाद ही उद्यापन किया जाता है. महिलाएं यह व्रत पति की अच्छी सेहत और दीर्घायु के लिए रखती हैं.

5. गुरुवार व्रत
ज्येष्ठ अमावस्या गुरुवार के दिन है. उस दिन गुरुवार व्रत भी है. व्रत रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. जिनका गुरु ग्रह खराब होता है, उसे देव गुरु बृहस्पति की भी पूजा करनी चाहिए. गुरुवार को केले के पौधे की भी पूजा करते हैं.

Tags: Dharma Aastha, Religion, Shani Jayanti, Vat Savitri Vrat


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular