Guru Purnima 2024 Date: गुरु पूर्णिमा का पर्व आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन महाभारत के रचयिता वेद व्यास का जन्म हुआ था. इस वजह से गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा या व्यास जयंती के नाम से भी जानते हैं. इस साल की गुरु पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इस योग में आप जो भी शुभ कार्य करते हैं, वह सफल सिद्ध होता है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि गुरु पूर्णिमा किस दिन है? गुरु पूर्णिमा का मुहूर्त और महत्व क्या है?
किस दिन है गुरु पूर्णिमा 2024?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई दिन शनिवार को शाम 05 बजकर 59 मिनट से शुरू होगी. यह तिथि अगले दिन 21 जुलाई रविवार को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि की मान्यता के अनुसार, गुरु पूर्णिमा का पर्व 21 जुलाई रविवार को मनाया जाएगा.
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सर्वार्थ सिद्धि योग में है गुरु पूर्णिमा
इस साल के गुरु पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. यह सुबस से लेकर रात तक रहेगा. गुरु पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि योग का प्रारंभ प्रात: 05:37 ए एम से होगा, जो देर रात 12:14 ए एम तक मान्य होगा.
गुरु पूर्णिमा को प्रात:काल से लेकर देर रात 12 बजकर 14 मिनट तक उत्तराषाढ नक्षत्र है. उसके बाद श्रवण नक्षत्र होगा. गुरु पूर्णिमा पर विष्कंभ योग सुबह से रात 09:11 बजे तक है, उसके बाद से प्रीति योग बनेगा. उस दिन धनु राशि में चंद्रमा होगा.
गुरु पूर्णिमा की पूजा
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आपको अपने गुरुजनों की पूजा करनी चाहिए. कहा जाता है कि गुरु के ज्ञान के बिना अंधकार से पार पाना मुश्किल है क्योंकि गुरु ही एक व्यक्ति का सच्चा मार्गदर्शक होता है, जो बिना किसी लोभ और द्वेष के अपने शिष्य का हित करता है.
गुरु पूर्णिमा के दिन आप अपने गुरु को घर पर आमंत्रित करें. उनको भोजन कराएं, उनके दिए ज्ञान के लिए आभार जताएं. उनकी सेवा करें. कुछ उपहार देने के बाद ही विदा करें.
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गुरु पूर्णिमा पर्व पर आप चाहें तो देव गुरु बृहस्पति की भी पूजा कर सकते हैं. वे देवताओं के गुरु हैं. उनके आशीर्वाद से ही आपको ज्ञान की प्राप्ति होगी. जिनकी कुंडली में गुरु कमजोर होता है, उनको शिक्षा प्राप्त करने में कठिनाई होती है.
गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु पूर्णिमा का दिन अपने गुरु का सम्मान करने और उनके प्रति आभार जताने का अवसर है. गुरु पूर्णिमा पर वेद व्यास जी ने वेदों की रचना की थी और उनका जन्म भी इस दिन हुआ था. कहा जाता है कि भगवान शिव ने गुरु पूर्णिमा के दिन से ही सप्त ऋषियों को योग की शिक्षा देनी प्रारंभ की थी. गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व पड़ोसी देश नेपाल और भूटान में भी मनाया जाता है. गुरु पूर्णिमा का संबंध बौद्ध धर्म से भी है. भगवान बुद्ध ने सबसे पहले गुरु पूर्णिमा पर सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था.
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FIRST PUBLISHED : July 4, 2024, 11:05 IST