Sunday, October 20, 2024
HomeReligionकिस दिन है धूमावती जयंती? सिद्धि योग में होगी पूजा, दरिद्रता और...

किस दिन है धूमावती जयंती? सिद्धि योग में होगी पूजा, दरिद्रता और रोग होगा दूर, देखें मुहूर्त

धूमावती जयंती हिंदू कैलेंडर के आधार पर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. माना जाता है कि इस तिथि को मां धूमावती की उत्पत्ति हुई थी. 10 महाविद्यायों में मां धूमावती सातवीं देवी हैं. इस बार धूमावती जयंती के दिन सिद्धि योग बन रहा है. उसमें ही पूजा की जाएगी. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार, मां धूमावती देखने में विधवा, कुरूप और वृद्ध महिला के रूप में दिखती हैं. इस देवी की पूजा विवाहित महिलाओं को भूलकर भी नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं कि इस साल धूमावती जयंती कब है? धूमावती जयंती की पूजा का मुहूर्त और महत्व क्या है?

कब है धूमावती जयंती 2024?
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 13 जून को रात 09 बजकर 33 मिनट पर शुरू हो रही है और यह तिथि 15 जून को 12 बजकर 03 एएम पर खत्म होगी. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर धूमावती जयंती 14 जून दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी. उस दिन मासि​क दुर्गा अष्टमी भी होगी.

ये भी पढ़ें: बुध गोचर 4 राशिवालों की बढ़ाएगा टेंशन, 14 जून से शुरू होगा टफ टाइम, गलत तरीके से कमाया धन पहुंचाएगा हानि!

सिद्धि योग में धूमावती जयंती 2024
14 जून को धूमावती जयंती के दिन सिद्धि योग बन रहा है, तो प्रात:काल से लेकर शाम 07 बजकर 08 मिनट तक है. वहीं उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र प्रात:काल से लेकर पूर्ण रात्रि तक है. सिद्धि योग को शुभ माना जाता है.

धूमावती जयंती 2024 मुहूर्त
धूमावती जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:02 ए एम से 04:43 ए एम तक है. वहीं उस दिन का शुभ समय या अभिजीत मुहूर्त 11:54 ए एम से दोपहर 12:49 पी एम तक है.

मां धूमावती की उत्पत्ति
पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार माता पार्वती को बहुत तेज भूख लगी थी. उन्होंने शिव जी से भोजन मांगा. उन्होंने कुछ देर प्रतीक्षा करने को कहा, लेकिन उनकी भूख और बढ़ गई. जिसके फलवरूप देवी पार्वती भगवान शिव को निगल लेती हैं. उसके बाद देवी पार्वती का स्वरूप एक विधवा का हो जाता है. शिवजी के कहने पर वह उनको अपने पेट से बाहर निकालती हैं. इस घटना से क्रोधित शिव जी देवी को श्राप देते हैं कि तुम विधवा स्वरूप में रहोगी. दूसरी कथा के अनुसार, जब देवी सती अपने पिता प्रजापति दक्ष के यज्ञ में स्वयं की आहुति देकर शरीर को जला देती हैं तो उससे निकले धुएं से मां धूमावती की उत्पत्ति हुई.

ये भी पढ़ें: निर्जला एकादशी पर क्यों करना चाहिए व्रत, जल का दान? जान लेंगे महत्व तो हर साल करेंगे इसका इंतजार

मां धूमावती की पूजा के फायदे
धूमावती जयंती के दिन मां धूमावती की पूजा विधि विधान से करने पर व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है. जो दरिद्र हैं, उनकी ​दरिद्रता मां धूमावती की कृपा से दूर हो जाती है. असाध्य रोगों से मुक्ति के लिए मां धूमावती की पूजा करते हैं.

मां धूमावती का मंत्र
ॐ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा.

Tags: Dharma Aastha, Religion


Home

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular