Japanese Virus : जापान में यौन संचारित बीमारी सिफलिस का कहर बरपा है. यहां के लोग इस बीमारी के संक्रमण से अनजान है और इसी वजह से यह बीमारी भयानक रूप ले लेती है. यौन संपर्क से फैलने वाला सिफलिस कुछ शिशुओं में जन्म से होता है. इसके लक्षण होते हैं शरीर पर असामान्यताएं और चकत्ते पड़ना.
जापान की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार टोक्यो मेट्रोपॉलिटन संक्रामक रोग निगरानी केंद्र की एक रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों से यह पता चलता है कि राजधानी टोक्यो में सिफलिस के कम से कम 2,460 केसेज सामने आए हैं. और यह मामले तेजी से बढ़ते प्रतीत हो रहे हैं. गत वर्ष 3701 मामले दर्ज किए गए थे और यह एक रिकॉर्ड था.
Japanese Virus : Syphilis : सिफलिस के क्या होते हैं लक्षण
सिफीलिस सामान्य रूप से एक यौन संचारित बीमारी है लेकिन जब यह जन्म से से ही शिशुओं में होती है तो इसके कुछ लक्षण दिखते हैं जैसे की:
- शरीर पर चकत्ते
- जन्म के कुछ वर्षों तक आंखों में सूजन
- सुनने की क्षमता काम होना
- शुरुआती उम्र में हो सकता है कि उनमें कोई लक्षण ना दिखे लेकिन अगर शुरुआत में ही इस बीमारी बीमारी का इलाज संभव है अगर सिफलिस का उपचार समय पर ना किया जाए तो यह मस्तिष्क और हृदय के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकते हैं.
जापान में सिफलिस के मरीजों की संख्या में कम से कम 70% पुरुष है और या 20 से 50 वर्ष की आयु के पुरुषों और 20 से 30 वर्ष की उम्र वाली महिलाओं को अपना शिकार बना रहा है. यहां की सबसे बड़ी समस्या यह है कि संक्रमित लोगों को यह लगता है कि वह सुरक्षित है क्योंकि वह इस संक्रमण से काफी समय से अनजान है, जिसके परिणाम स्वरूप से सिफलिस को हमेशा अनदेखा किया जाता है.
सिफलिस के बढ़ते केसेस को रोकने के लिए टोक्यो के शिंजुक और तामा जैसे क्षेत्र में निशुल्क जांच और परामर्श कैंप लगाए गए हैं, और सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी जांच करवाई जा सकती हैं. यह केंद्र 24 घंटे ऑनलाइन बुकिंग्स और सप्ताह के अंत में जांच की सुविधा देते हैं. टोक्यो सरकार ने वहां रह रहे लोगों से निवेदन किया है कि किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर वह तुरंत अपनी जांच और उचित इलाज करवाएं ताकि इस बीमारी को रोका जा सके.
क्या सिफिलिस एक यौन संचारित बीमारी है ?
हाँ, यह एक यौन संचारित बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंध बनाने से फैलती है. यह शिशुओं में जन्मजात भी होती है, जिसके लक्षण शुरू के वर्षों में नहीं दिखते हैं. हालांकि शुरुआती दिनों में इसका इलाज संभव होता है.