इस बार जगन्नाथ रथ यात्रा 7 जुलाई, 2024 को सुबह 04:26 मिनट पर शुरू होगी. इसका समापन 08 जुलाई, सुबह 04 बजकर 59 मिनट पर होगा.
Jagannath Rath Yatra 2024 : ओडिशा के पुरी में हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन होता है, जिसमें हजारों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं. इस यात्रा में तीन भव्य रथों पर भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा विराजते हैं. इस साल यह यात्रा 7 जुलाई को सुबह 04 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इसका समापन 08 जुलाई, सुबह 04 बजकर 59 मिनट पर होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं इस यात्रा के शुरू होने से 15 दिन पहले जगत के पालनहार बीमार पड़ जाते हैं. ऐसा क्यों होता है और क्या है इसके पीछे की वजह और इससे जुड़ी पौराणिक कहानी, आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे से.
ये है वजह
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान जगन्नाथ का एक परम भक्त था, जिसका नाम माधव था. एक दिन जब वह बीमार हो गया तो उस दौरान स्वयं भगवान जगन्नाथ उसकी सेवा करने पहुंचे. जब भक्त ने कहा प्रभु आप मेरी सेवा क्यों कर रहे हैं, आप तो मुझे ठीक भी कर सकते हैं. इस पर भगवान ने कहा कि प्रारब्ध तो झेलना ही पड़ता है चाहे कुछ भी हो. यदि आप इसे अभी कटवा लोगे तो अगले जन्म में आपको भोगना पड़ेगा.
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भगवान जगन्नाथ भक्त माधव से कहते हैं कि जो पीड़ा तुम्हें हो रही है, इसे 15 दिनों तक और झेलनी पड़ेगी, इसलिए यह पीड़ा तुम मुझे दे दो, मैं इस पीड़ा को भोग लूंगा तो तुम्हारा प्रारब्ध कट जाएगा. मान्यता है कि तभी से भगवान जगन्नाथ साल में एक बार 15 दिनों के लिए बीमार होते हैं.
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यह भी है मान्यता
एक और मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा रथ पर बैठकर अपनी मौसी के घर जाते हैं. वे अपनी मौसी के घर 7 दिन तक रुकते हैं. इसके बाद वह वापस आते हैं. यह परंपरा हर साल निभाई जाती है.
पौराणिक कहानी में बताया गया है कि एक बार भगवान कृष्ण बहन सुभद्रा और भाई बलराम अपनी मौसी के घर गए थे, वहां उन्होंने स्नान किया, स्नान करने के बाद तीनों भाई-बहन बीमार पड़ गए. इसके बाद राज नाम के वैद्य को बुलाकर उनका इलाज कराया गया, जिसके बाद वे तीनों 15 दिन में सही हो गए. ठीक होने के बाद तीनों भाई-बहन नगर भ्रमण के लिए निकले. तभी से हर साल यह परंपरा निभाई जाती है.
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FIRST PUBLISHED : June 29, 2024, 07:06 IST