Israel: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि “सभी सभ्य देशों” को इजरायल का समर्थन करना चाहिए, क्योंकि वह ईरान द्वारा नेतृत्व की गई “बर्बर शक्तियों” के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा इजरायल पर हथियार प्रतिबंध लगाने के आह्वान को “शर्मनाक” करार दिया.
शनिवार को एक वीडियो संदेश में नेतन्याहू ने कहा कि यह शर्मनाक है कि “आतंक की धुरी” एक साथ खड़ी है, जबकि वे देश जो कथित रूप से इसका विरोध करते हैं, अब इजरायल पर हथियार प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं. इस बयान के बाद मैक्रों के कार्यालय ने सफाई देते हुए कहा कि फ्रांस इजरायल का सच्चा मित्र है और उसकी सुरक्षा के लिए हमेशा समर्थन करेगा. उन्होंने कहा कि अगर ईरान या उसके समर्थक इजरायल पर हमला करते हैं, तो फ्रांस पूरी तरह इजरायल के साथ खड़ा रहेगा.
नेतन्याहू का तीखा जवाब
नेतन्याहू ने कहा कि यह शर्म की बात है कि जब इजरायल ईरान की बर्बर ताकतों से संघर्ष कर रहा है, तब पश्चिमी नेता इजरायल को हथियार न देने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “क्या ईरान हिजबुल्लाह, हमास, हूती या अन्य सहयोगियों पर हथियार प्रतिबंध लगा रहा है? नहीं. लेकिन जो देश इन आतंकी गुटों का विरोध करते हैं, वे इजरायल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रहे हैं. यह शर्मनाक है.”
सात मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा इजराइल
नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल “सभ्यता के दुश्मनों” से सात मोर्चों पर लड़ रहा है. उन्होंने गाजा में हमास, लेबनान में हिजबुल्लाह, यमन के हूती, इराक और सीरिया की शिया मिलिशिया, और जूडिया और सामरिया में आतंकवादियों का उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि इजरायल पर हाल ही में ईरान द्वारा 200 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं और इजरायल इन सभी मोर्चों पर ईरान का सामना कर रहा है.
मदद के बिना भी जीत का दावा
नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल को पश्चिमी देशों की मदद की ज़रूरत नहीं है, वह खुद ही जीत जाएगा. उन्होंने कहा, “इजरायल उनके सहयोग के साथ या बिना भी जीत हासिल करेगा, लेकिन इन देशों की शर्मिंदगी लंबे समय तक बनी रहेगी.”
मैक्रों की प्रतिक्रिया
नेतन्याहू की तीखी टिप्पणी के बाद, फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने तुरंत सफाई देते हुए कहा कि फ्रांस इजरायल का सच्चा दोस्त है और उसकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. मैक्रों ने इजरायल की सुरक्षा के प्रति फ्रांस की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि फ्रांस ईरान या उसके किसी सहयोगी को इजरायल पर हमला करने की अनुमति नहीं देगा. मैक्रों ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में तनाव को और बढ़ने से रोकने के लिए कूटनीतिक प्रयास जरूरी हैं, जिसमें गाजा और लेबनान में तत्काल युद्ध विराम भी शामिल है. उन्होंने कहा कि गाजा में शांति बहाल करना और बंधकों को मुक्त करना प्राथमिकता होनी चाहिए.