Baby Names Which are Claimed to be taken from Sanskrit: बच्चे का जन्म किसी भी परिवार में सबसे सुखद और हर्ष का पल होता है. बच्चों के जन्म से पहले यूं तो कुछ भी नया खरीदना या चीजें करना सही नहीं माना जाता, लेकिन एक चीज है जो बच्चे के जन्म से पहले ही शुरू हो जाती है. वह है बच्चे के नाम के बारे में सोचना. बुआ-मौसी, दादी-नानी हर कोई अपनी-अपनी पसंद के नाम सोचने लगता है. आजकल हर कोई अपने बच्चे का यूनीक और नया नाम रखना चाहता है. इसी चाहत में लोग अक्सर इंटरनेट पर ढूंढकर अपने बच्चों का नाम रख देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंटरनेट पर ‘संस्कृत से लिए गए नामों का दावा’ करने वाले कई नाम असल में संस्कृत से हैं ही नहीं.
सोशल मीडिया पर कई ऐसे अकाउंट हैं, जो अक्सर लड़कियों या लड़कों के ‘संस्कृत नाम’ बताते हैं. लेकिन इनमें से ज्यादातर नाम ऐसे हैं, जिनका असल में संस्कृत से कोई लेना-देना नहीं है. संस्कृत के ज्ञाता और 13 किताबों के लेखक नित्यानंदा मिसरा ने अपने इंस्टग्राम पर कुछ ऐसे नाम बताए हैं, जो आजकल खूब चलन में हैं, लेकिन असल में इन नामों का कोई संस्कृत अर्थ नहीं है. आइए बताते हैं आपको ऐसे ही कुछ नाम, जो खूब चर्चित हैं, लेकिन इनका कोई अर्थ नहीं है.
ईशान्वी- इस नाम को अगर आप इंटरनेट पर सर्च करेंगे तो इसका अर्थ ‘देवी पार्वती का एक नाम’ या ‘ज्ञान की देवी’ जैसा बताया जाता है. लेकिन वहीं नित्यानंद जी की मानें तो ईशान्वी जैसा कोई शब्द संस्कृत में नहीं है. इस नाम का कोई अर्थ ही नहीं है.
आरना – इसे इंटरनेट पर माता लक्ष्मी का एक नाम बताया गया है. जबकि संस्कृत विद का कहना है कि ऐसा लक्ष्मी जी का कोई नाम नहीं है.
तत्सवि – ये नाम भी आजकल खूब रखा जा रहा है. असल में ये कोई नाम नहीं है बल्कि एक वाक्य का टूटा हुआ शब्द है. गायत्री मंत्र में ‘तत्सवितुरवरेण्यम’ लकहा गया है, ये उसका टूटा हुआ रूप है.
शिवांशी – ये नाम कई माता-पिता अपनी बेटी का रखते हैं. लेकिन इसका संस्कृत में कोई अर्थ नहीं है. शिवांश पुर्लिंग है, जबकि ‘शिवांशा’ स्त्रीलिंग है.
नायरा/अनायरा – टीवी के हिट सीरियल में लीड एक्ट्रेस का नाम ‘नायरा’ रखने के बाद कई लोगों ने अपनी बेटियों का नाम नायरा या अनायरा रखा है. इंटरनेट पर आपको इस नाम का अर्थ ‘लक्ष्मी जी का नाम’ या सरस्वती जी का नाम बताया जाता है. लेकिन असल में संस्कृत में ऐसा कोई नाम नहीं है.
अस्मि – आजकल ये नाम भी खूब रखा जा रहा है. अस्मि शब्द का अर्थ है ‘हूं’ या ‘मैं हूं’. ये क्रिया पद है, ये कोई नाम नहीं है.
धीमहि – ये शब्द गायत्री मंत्र में आया है. ‘भर्गोदेवस्य धीमहि…’ लेकिन ये एक क्रिया पद है. धीमहि का अर्थ होता है ‘हम ध्यान करें..’
ये कुछ ऐसे नाम हैं, जो आजकल काफी चर्चित हैं, लेकिन इनका असल में संस्कृत में कोई अर्थ नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 15:05 IST